Wednesday, September 30, 2015

No Subject


do confirm if you got my mail i sent to you previously

No Subject


do confirm if you got my mail i sent to you previously

Moti Lal Nehru family - देखो पंडित नेरुह , इंदिरा गाँधी और सोनिया गांधी का खेल

           Moti Lal Nehru

           BIOGRAPHY

           Moti Lal Nehru family

Motilal Nehru had one real wife and 4 other illegal wives.

(1) Mrs Swaroop Rani (married wife) had two children with her.
(2) Thussu Rahman Bai – already had 2 children from her previous marriage to Mubarak Ali (employer of Motilal Nehru)
(3) Mrs. Manjari – had a child named Mehar Ali Shokhta (Arya Samaj leader).
(4) Iran's Whore – had a child named Muhammad Ali Jinnah.
(5) Maid (Cook) – produced a child named Sheikh Abdullah (Kashmir Chief Minister).

(1) Mrs Swaroop Rani (married wife), produced 2 children
a. Mrs Krisna wife of Mr Jaisukh Lal Hathi (Governor)
b. Mrs Vijaylaxmi Pandit wife of Mr R. S. Pandit (High Commissioner of USSR). Earlier in life Vijaylaxmi eloped with her half brother Syed Hussain and had a daughter named Chandralekha who was adopted by Mr Pandit.
(2) Thussu Rahman Bai (ex wife of Motilal's employer Mubarak Ali who died in mysterious circumstances) had 2 children
a. Jawaharlal Nehru (Mubarak Ali was the real father). Moti inherited his wealth, business and kept his wife and children like a true Muslim)
b. Syed Hussein.
Jawaharlal marriage with Kamla Kaul never consummated as Kamla was Kashmiri Pandit and Nehru hated Hindu's and only considered Muslim or English woman to be worth his appetite however he had changed this conception later on in his life as he had affairs with several hindu woman. Mrs Kamla Nehru was left leading a life of a maid in the house so his brother Manzoor Ali kept Kamla Nehru the company and was able to produce a daughter named Indira Pridarshini Nehru.
Nehru didn't really like Indira but because she was legally his daughter he had to support her in politics. Although she could not do much whilst Nehru was alive but managed to get up the ladder as a throne apparent. She tricked Shastri to go to Tashkant for conciliation meeting with Yahya Khan of Pakistan where she managed to get Shastri ji poisoned and was declared dead. No autopsy or post mortem was conducted and it was reported that Shastriji had a cardiac arrest. Indira hopped on to the PM Chair quick as a buzz.
Indira Priyadarshini Nehru alias Mamuna Begum Khan-w / o Jehngir Feroz Khan (Persian Muslims), who later changed his name to Gandhi on advice of Mohandas K Gandhi.

Two sons Rajiv Khan (father Feroze Jehngir Khan) and Sanjeev Khan (father Mohammad Yunus, name later changed to Sanjay Gandhi), the third child of M. O. Mathai (PA of Jawaharlal) has aborted as she feared the child might turn our dark.

(3) Mrs. Manjari – had a son Mr. Mehr Ali Shokta (Arya Samaj leader).
(4) From a Iranian Whore – produced a son Muhammad Ali Jinnah
(5) From Housekeeping (cook) produced
Sheikh Abdullah (Kashmir Chief Minister).
Sheikh Abdullah son is Farooq Abdullah ex CM Kashmir
Farooq's son Omar Abdullah is current CM
Nehru divided India into 3 parts:
- India (for Indira),
- Pakistan (for his half-brother Jinnah) and - Kashmir (for his half-brother, Sheikh Abdullah)
Now this is called strategic planning and placement. Nehru's mind was brilliant!
His step father Motilal Nehru, and his step grand father father Ghiyasuddin Ghazi's of Jamuna canal (Nhr) who fled Delhi after Mutiny of 1857 and went to Kashmir. There he decided to change his name to Gangadhar Nehru (Nhr became Nehru) and put Pandit in front of the name to give people no chance to even ask his caste. With a cap (topi) on his head Pandit Gangadhar Nehru moved to Allahabad. His son Motilal completed a degree in Law and started working for a Law firm. His employer Mubarak Ali died in mysterious circumstances so Moti grabbed the opportunity of marrying his widow who came with a lot of wealth and 2 sons (Jawaharlal and Syed Hussain).
       Just imagine we have had 3 three prime ministers from one family and the fourth Rahul is in the making!
            Sincerely - from the Biography of MO Mathai (Jawaharlal Nehru's personal assistant)

Posted by: Devendra Patel <devendra48@hotmail.com>

---------------------------------------

देखो पंडित नेरुह , इंदिरा गाँधी  और सोनिया गांधी का खेल

Thursday, September 17, 2015, Chuni Chavda <chunichavda@hotmail.co.uk> wrote:

 

[9/3/2015] +91 89750 62066:

इंदिरा गाँधी को एक बहुत ही जिम्मेदार, उत्तरदाईटिटव, ताकतवर शक्तिशाली ,और राष्ट्रभक्त महिला बताया है, इसकी कुछ कडवी हकीकत वास्तविकता ,  से आपको रूबरू सम्मुख करवा दे!
इंदिरा प्रियदर्शिनी ने नेहरू राजवंश में अनैतिकता को नयी ऊँचाई पर
पहुचाया. बौद्धिक इंदिरा को ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में भर्ती कराया गया था लेकिन वहाँ से जल्दी ही पढाई में खराब प्रदर्शन के कारण वह बाहर निकाल दी गयी. उसके बाद उनको शांतिनिकेतन विश्वविद्यालय में भर्ती कराया गया था, लेकिन गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर ने उन्हें उसके दुराचरण के लिए बाहर कर दिया। शान्तिनिकेतन से बाहर निकाले जाने के बाद इंदिरा अकेली हो गयी।
राजनीतिज्ञ के रूप में पिता राजनीति के साथ व्यस्त था और मां तपेदिक के
बीमारी से स्विट्जरलैंड में मर रही थी।उनके इस अकेलेपन का फायदा फ़िरोज़ खान नाम के व्यापारी ने उठाया। फ़िरोज़ खान मोतीलाल नेहरु के घर पर महेंगी विदेशी शराब की आपूर्ति किया करता था। फ़िरोज़ खान और इंदिरा के बीच प्रेम सम्बन्ध स्थापित हो गए। महाराष्ट्र के तत्कालीन राज्यपाल डा. श्री प्रकाश ने नेहरू जी को चेतावनी दी कि फिरोज खान इंदिरा के साथ अवैध संबंध बना रहा था। फिरोज खान इंग्लैंड में तो था और इंदिरा के प्रति उसकी बहुत सहानुभूति थी। जल्दी ही वह अपने धर्म का त्याग कर, एक मुस्लिम महिला बनीं और लंदन के एक मस्जिद में फिरोज खान से उसकी शादी हो गयी।
इंदिरा प्रियदर्शिनी नेहरू ने नया नाम मैमुना बेगम रख लिया। उनकी मां कमला नेहरू इस शादी ,विवाहसे काफी नाराज़ थी जिसके कारण उनकी तबियत और ज्यादा बिगड़ गयी।
नेहरू भी इस धर्म रूपांतरण से खुशप्रसनंनहीं थे क्योंकि वे जानते थे कि दो पीढी पहले हम मुस्लिम ही थे नेहरु नाम मेरे खानदान को नया नाम दिया गया था.... और नेहरु जानते थे  कि  इंदिरा को प्रधानमंत्री  बनने की  सम्भावना खतरे में गयी, तो नेहरू ने युवा फिरोज खान से कहा कि अपना उपनाम खान से गांधी कर लो, परन्तु इसका इस्लाम से हिंदू धर्म में परिवर्तन के साथ कोई लेना -देना नहीं था. यह सिर्फ केवल एक शपथ पत्र द्वारा नाम परिवर्तन का एक मामला था. और फिरोज खान फिरोज गांधी बन गया, हालांकि यह बिस्मिल्लाह शर्मा की तरह एक असंगत नाम है। दोनों ने ही भारत की जनता को मूर्ख बनाने के लिए नाम बदला था। जब वे भारत लौटे, तो एक नकली वैदिक विवाह जनता के दिखावे के लिए स्थापित किया गया था। इस प्रकार, इंदिरा और उसके वंश को काल्पनिक नाम गांधी मिला। नेहरू और गांधी दोनों फैंसी काल्पैनिक सुन्दर  नाम हैं।
जैसे एक गिरगिट अपना रंग बदलती है, वैसे ही इन लोगो ने अपनी असली पहचान छुपाने के लिए नाम बदले। के.एन. राव की पुस्तक "नेहरू

 वजवंश" (10:8186092005 ISBN) में यह स्पष्ट रूप से लिखा गया है संजय गांधी फ़िरोज़ गांधी का पुत्र नहीं था। जिसकी पुष्टि के लिए उस पुस्तक में अनेक तथ्यों को सामने रखा गया है। उसमे यह साफ़ तौर पर लिखा हुआ है कि संजय गाँधी एक अन्य मुस्लिम मोहम्मद यूनुस नामक सज्जन का बेटा था। दिलचस्प, मनोरंजन , बात यह है की एक सिख लड़की मेनका का विवाह भी संजय गाँधी के साथ मोहम्मद यूनुस के घर में ही हुआ था। मोहम्मद यूनुस ही वह व्यक्ति था जो संजय गाँधी की विमान दुर्घटना के बाद सबसे ज्यादा रोया था। 'यूनुस की पुस्तक "व्यक्ति जुनून और
राजनीति" (persons passions and politics ) (ISBN-10:0706910176) में साफ़ लिखा हुआ है कि संजय गाँधी के जन्म के बाद उनका खतना पूरे मुस्लिम रीति रिवाज़ के साथ किया गया था। कैथरीन फ्रैंक की पुस्तक "the life of Indira Nehru Gandhi (ISBN:9780007259304) में इंदिरा गांधी के अन्य प्रेम संबंधों के ऊपर भी कुछ प्रकाश डाला है तथा यह लिखा है कि इंदिरा का पहला प्यार शान्तिनिकेतन में एक जर्मन शिक्षक के साथ था. बाद में वह एमओ मथाई, (पिता के सचिव), धीरेंद्र ब्रह्मचारी (उनके योग शिक्षक) और दिनेश सिंह (विदेश मंत्री) के साथ भी अपने प्रेम संबंधो के लिए प्रसिद्द हुई। पूर्व विदेश मंत्री नटवर सिंह ने इंदिरा गांधी के मुगलों से संबंध के बारे में एक दिलचस्प, मनोरंजन , रहस्योद्घाटन किया। अपनी पुस्तक "profiles and letters " (ISBN: 8129102358) में किया। यह कहा गया है कि 1968 में इंदिरा गांधी भारत की प्रधानमंत्री के रूप में अफगानिस्तान की सरकारी यात्रा पर गयी थीं। नटवरसिंह एक आईएफएस अधिकारी के रूप में इस दौरे पर गए थे। दिन भर के कार्यक्रमों के होने के बाद इंदिरा गांधी को शाम में सैर के लिए बाहर जाना था। कार में एक लंबी दूरी जाने के बाद, इंदिरा गांधी बाबर की कब्रगाह के दर्शन करना चाहती थी। हालांकि यह इस यात्रा के कार्यक्रम में शामिल नहीं किया गया था। अफगानी सुरक्षा अधिकारियों ने उनकी इस इच्छा पर आपत्ति जताई पर इंदिरा अपनी जिद पर अड़ी रही अंत में वह उस कब्रगाह पर गयी। यह एक सुनसान जगह थी। वह बाबर की कब्र पर सर झुका कर आँखें बंद करके खड़ी रही और नटवर सिंह उसके पीछे खड़े थे। जब इंदिरा ने प्रार्थना समाप्त कर ली तब वह मुड़कर नटवर सिंह से बोली "आज मैंने अपने इतिहास को ताज़ा कर लिया। (Today we have had our brush with history"). यहाँ आपको यह बता दें कि बाबर मुग़ल साम्राज्य का संस्थापक था और नेहरु खानदान इसी मुग़ल साम्राज्य से उत्पन्न हुआ। इतने सालो से भारतीय जनता इसी धोखे में है कि नेहरु एक कश्मीरी पंडित था।....जो कि एक सरासर गलत तथ्य है।.... इस तरह से इन लोगों ने भारत में अपनी जडें जमायीं जो कि आज एक बहुत बड़े वृक्ष में तब्दील परिवर्तित ,  हो गया है। जिसकी महत्वाकांक्षी शाखाओ ने माँ भारती को आज बrहुत जख्मी घायल कर दिया है। बाकी देश के प्रति यदि आपकी भी कुछ जिम्मेदारी उत्तरदाईटिटव  बनती हो तो अब आप लोग '' निःशब्द'' बनकर इसे फैला दीजिए हर घर में !!

वन्देमातरम..

रॉबर्ट और प्रियंका की शादी विवाह सन 1997 में हुई थी, लेकिन अगर कोई रॉबर्टको ध्यान से देखे तो यह बात अवश्य सोचेगा कि सोनिया ने रॉबर्ट जैसे कुरूप और साधारण से व्यक्ति से प्रियंका की शादी विवाह कैसे करवा दी? क्या उसे प्रियंका के लिए कोई उपयुक्त वर नहीं मिला और यह शादी विवाह जल्दी में और चुपचाप क्यों की गयी??? वास्तव में सोनिया ने रॉबर्ट से प्रियंका की शादी विवाह अपनी पोल खुलने के डर से की थी। क्योंकि जिस समय सोनिया इंगलैंड में एक कैंटीन में बारगर्ल थी।उसी समय उसी जगह रोबट की माँ (Maureen) भी यही काम करती थी। मौरीन को सोनिया और माधव राव की रासलीला की बात पता थी। क्योंकि वह भी उसी कैंटीन में सोनिया के साथ उनको शराब पिलाया करती थी। मौरीन यह भी जानती थी कि किन-किन लोगों के साथ सोनिया के अवैध सम्बन्ध थे। जब सोनिया राजीव से शादी करके दिल्ली गयी तो कुछ समय बाद मौरीन भी दिल्ली में बस गयी। मौरीन जानती थी कि सोनिया सत्ता के लिए कुछ भी कर सकती है, क्योंकि जो भी व्यक्ति उसके लिए खतरा बन सकता था, सोनिया ने उसका पत्ता साफ कर दिया, जैसे संजय , माधव राव , पायलेट ,जितेन्द्र प्रसाद, योगी। यहाँ तक कि लोगों को तो यह भी शक है कि राजीव की हत्या में सोनिया का भी हाथ है वर्ना वह अपने पति के हत्यारों को माफ़ क्यों कर देती? चूँकि मौरीन का पति और रॉबर्ट का पिता राजेंदर वाडरा पुराना जनसंघी था और सोनिया को यह डर था कि अगर अपने पति के दवाब में मौरीन अपना मुंह खोल देगी तो मुझे भारत पर हुकूमत  - shashanकरने और अपने नालायक पुत्र राहुल को प्रधानमंत्री बनाने में सफलता नहीं मिलेगी। इसीलिए सोनिया ने मौरीन के बेटे रॉबर्ट की शादी प्रियंका से करवा दी।
............शादी विवाह के बाद की कहानी....
राजेंद्र वाडरा के दो पुत्र , रिचार्ड, रॉबर्ट और एक पुत्री मिशेल थे और प्रियंका की शादी विवाह के बाद वे सभी एक एक कर मर गए या मार दिए गये जैसे मिशेल ( Michelle )सन 2001 में कार दुर्घटना में मारी गयी। रिचार्ड ( Richard ) ने सन 2003 में आत्मह्त्या कर ली और प्रियंका के ससुर सन 2009 में एक मोटेल में मरे हुए पाए गए। लेकिन इनकी मौत के कारणों की कोई जाँच नहीं कराई गयी और इसके बाद सोनिया ने रॉबर्ट को राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के बराबर का दर्जा इनाम purshkaar के तौर पर दे दिया। इस अधिकार को देते समय जिस रॉबर्ट को कोई पडौसी भी नहीं जानता था, उसने मात्र आठ महीनों में करोड़ों की संपत्ति बना ली और कई कंपनियों का मालिक बन गया। साथ ही उसने सैकड़ों एकड़ कीमती जमीने भी हथिया लीं।  "अगर आपको यह जानकारी अच्छी लगे तो प्लीज शेयर करना भूलें [2:12PM, 9/3/2015] +91 89750 62066देखो काॅग्रेस  (ब्राह्मण सभा ) के लोगो का लव जिहाद

--------------------