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- अण्णा हज़ारे जी के नाम कुछ मज़दूर कार्यकर्ताओं की खुली चिट्ठी
- नीतीश कुमार का नया नारा हरा भरा बिहार हमारा
- अन्ना की क्रांति और राखी की दीवानगी
- बहुत दूर से आये हैं तेरे दर पे सवाली
- लोगों से बड़ी कोई चीज नहीं है..न सरकार, न संसद, न संविधान और न भगवान
- भीड़ के पांव होते हैं, दिमाग नहीं
- बामुलाहिजा :अन्ना पुलिस को रिहा हर दें [कार्टून]
- अन्ना के समर्थक या अन्नाई वैचारिक आतंकवादी.
- बिहार में भी तो कोई लैंड स्कैम होना चाहिए
- अन्ना हजारे के नाम खुला खत
| अण्णा हज़ारे जी के नाम कुछ मज़दूर कार्यकर्ताओं की खुली चिट्ठी Posted: 18 Aug 2011 09:37 AM PDT मिले, श्री अण्णा हज़ारे ग्राम एवं पोस्ट रालेगाँव सिद्धि तालुका पारनेर, ज़िला अहमदनगर महाराष्ट्र आदरणीय अण्णा हज़ारे जी, हम आपके सामाजिक सरोकारों और जनजीवन से जुड़ी चिन्ताओं की इज़्ज़त करते हैं। आपकी भ्रष्टाचार- विरोधी मुहिम से सारा देश परिचित है। राजनेताओं नौकरशाहों- जजों के भ्रष्टाचार पर नियंत्राण के लिए जन लोकपाल क़ानून बनाने की आपकी [...] पूरा आलेख पढने के लिए देखें एवं अपनी प्रतिक्रिया भी दें http://hastakshep.com/ |
| नीतीश कुमार का नया नारा हरा भरा बिहार हमारा Posted: 18 Aug 2011 09:25 AM PDT जुगनू शारदेय बिहार के मुख्य मंत्री नीतीश कुमार की राजनीति को समझना बहुत ही मुश्किल काम है । उनकी राजनीति की शतरंज का सबसे प्रिय मुहरा कछुआ है । शतरंज के खेल में यह कछुआ कोई मुहरा नहीं है । न ही राजनीति के खेल में यह है । लेकिन राजनीति के एक सूत्र ‘ [...] पूरा आलेख पढने के लिए देखें एवं अपनी प्रतिक्रिया भी दें http://hastakshep.com/ |
| अन्ना की क्रांति और राखी की दीवानगी Posted: 18 Aug 2011 08:45 AM PDT अविनाश वाचस्पति अन्ना के रूप में देश में अब इंक्लाब आ चुका है और इसकी वायस खुद सरकार बनी है। उसने अन्ना को अनशन करने के लिए स्थान और अनुमति न देकर अपने लिए बिना पैसे के मुसीबत ले ली है। आज अन्ना हजारे बन गए हैं आंधी। जबकि कोई कह रहा है उन्हें दूसरा [...] पूरा आलेख पढने के लिए देखें एवं अपनी प्रतिक्रिया भी दें http://hastakshep.com/ |
| बहुत दूर से आये हैं तेरे दर पे सवाली Posted: 18 Aug 2011 06:46 AM PDT ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती गरीब नवाज के रहमों करम से अजमेर को दुनिया में अजमेर शरीफ के नाम से जाना जाता है, और दुनिया का कोई भी मुल्क हो, वहां का बाशिंदा इस सूफी संत की मजार पर अपनी अकीदत पेश करने के लिए लालायित रहता है। इस्लामी कलेंडर के सातवें माह रजब की पहली [...] पूरा आलेख पढने के लिए देखें एवं अपनी प्रतिक्रिया भी दें http://hastakshep.com/ |
| लोगों से बड़ी कोई चीज नहीं है..न सरकार, न संसद, न संविधान और न भगवान Posted: 18 Aug 2011 05:37 AM PDT आनंद प्रधान लम्बी लड़ाई में पहली जीत के बाद भ्रष्टाचार विरोधी आन्दोलन पर कुछ स्फुट विचार बधाई..यह लंबी लड़ाई में पहली जीत है. एक बार फिर साबित हुआ कि लोकतंत्र में लोगों से बड़ी कोई चीज नहीं है..न सरकार, न संसद, न संविधान और न भगवान. पर याद रहे, सरकार झुकी है, हारी नहीं है. [...] पूरा आलेख पढने के लिए देखें एवं अपनी प्रतिक्रिया भी दें http://hastakshep.com/ |
| भीड़ के पांव होते हैं, दिमाग नहीं Posted: 18 Aug 2011 04:10 AM PDT डॉ . आशीष वशिष्ट जन लोकपाल बिल के लिए जो जुनून और जोश सड़कों पर दिखाई दे रहा है उसे आजादी की दूसरी लड़ाई का नाम दिया जा रहा है। अन्ना को तिहाड़ में बंद करना सरकार को भारी पड़ा। संसद से सड़क तक अन्ना को मिल रहे भारी जनसमर्थन से घबराई और बेक फुट [...] पूरा आलेख पढने के लिए देखें एवं अपनी प्रतिक्रिया भी दें http://hastakshep.com/ |
| बामुलाहिजा :अन्ना पुलिस को रिहा हर दें [कार्टून] Posted: 18 Aug 2011 12:35 AM PDT |
| अन्ना के समर्थक या अन्नाई वैचारिक आतंकवादी. Posted: 18 Aug 2011 12:31 AM PDT हरिशंकर शाही अन्ना हजारे के आंदोलन के कई समर्थक हैं. यह समर्थक अन्ना के आंदोलन को समर्थन देने के साथ-साथ अन्ना के आंदोलन के सम्बन्ध में किया जा रहे किसी भी सवाल या विचारक वाद-विवाद को रोकने के लिए भी तत्पर हो गए हैं. कहीं किसी भी मंच पर अगर चाहें वह फेसबुक, ब्लॉग [...] पूरा आलेख पढने के लिए देखें एवं अपनी प्रतिक्रिया भी दें http://hastakshep.com/ |
| बिहार में भी तो कोई लैंड स्कैम होना चाहिए Posted: 18 Aug 2011 12:20 AM PDT जुगनू शारदेय इस देश में उच्च शिक्षा सिर्फ शहरी इलाकों की बपौती हो कर रह गई है । बिहार जैसे राज्य केंद्र सरकार की कृपा से मजबूर हैं कि उच्च शिक्षा से पटना से दूरदराज के इलाके उच्च शिक्षा से दूर रहें । बिहार में भी उच्च शिक्षा की तो अजीब स्थिति है । राज्य [...] पूरा आलेख पढने के लिए देखें एवं अपनी प्रतिक्रिया भी दें http://hastakshep.com/ |
| Posted: 18 Aug 2011 12:04 AM PDT वीरेन्द्र जैन आदरणीय हजारे जी सादर प्रणाम दरअसल यह खत आपकी टीम के नाम है जिनकी सलाह से आपके वक्तव्य सामने आते हैं, किंतु किसी भी संस्था को जब कोई पत्र दिया जाता है तो वह संस्था के प्रमुख को सम्बोधित किया जाता है जैसे कि ठेकों के टेंडर तक सम्बन्धित बाबू को नहीं अपितु [...] पूरा आलेख पढने के लिए देखें एवं अपनी प्रतिक्रिया भी दें http://hastakshep.com/ |
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