Friday, August 19, 2011

राजनैतिक, आर्थिक, संस्कृतिक मुद्दो और आम आदमी के सवालो पर सार्थक हस्तक्षेप Hastakshep.com

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हाय अफसोस जंतर-मंतर फिर तहरीर चौक न बन पाया!

Posted: 19 Aug 2011 10:03 AM PDT

'नो माक्र्स' स्टाइल का जन लोकपाल अमलेन्दु उपाध्याय अन्ना नाटक का फायनल एपीसोड अब अपने चरम पर है। 16 अगस्त की सुबह अन्ना और उनकी टीम की गिरफ्तारी के बाद पूरे देश में जबर्दस्त तनाव पैदा करने की कोशिशें की गईं। तथाकथित सिविल सोसायटी के असामाजिक तत्वों ने खुलकर दिल्ली की सड़कों पर अपनी असलियत [...]

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मैक्सिम गोर्की की मजदूरों के जीवन लिखी गयी एक कहानी कोलूशा

Posted: 19 Aug 2011 08:18 AM PDT

मैक्सिम गोर्की कब्रिस्तान के मुफलिसों के घेरे में पत्तियों से ढकी और बारिश तथा हवा में ढेर बनी समाधियों के बीच एक सूती पोशाक पहने और सिर पर काला दुशाला डाले, दो सूखे भूर्ज वृक्षों की छाया में एक स्त्री बैठी है। उसके सिर के सफेद बालों की एक लट उसके कुम्हलाये गाल पर पड़ी [...]

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समाज में किस पहचान को प्रमुखता दी जानी चाहिए ?

Posted: 19 Aug 2011 08:13 AM PDT

सुनील दत्ता ( विडम्बनापूर्ण स्थिति यह है कि मजदूर के रूप में , किसान के रूप में , दस्तकार , दुकानदार आदि के रूप में आम लोगो का जीवन संकटमय होता जा रहा है | लेकिन वे इन पहचानो को प्रमुखता देकर एकजुट होने के स्थान पर एक दुसरे से अलगाव व विरोध में अपने [...]

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खबरों को गूंगा-बहरा, बेमानी, सतही और हल्का-फुल्का बनाने की प्रक्रिया का हिस्सा है बुलेट न्यूज

Posted: 19 Aug 2011 06:04 AM PDT

आनंद प्रधान बुलेट खबरों की बमबारी न्यूज चैनलों पर सचमुच, 'खबरें' लौट आई हैं. और क्या स्पीड के साथ लौटी है? सिर चकराने लगता है. कहीं स्पीड न्यूज है, कहीं फटाफट खबरें हैं, कहीं सुपरफास्ट खबरें हैं, कहीं २०-२० खबरें हैं और कहीं २ मिनट में १५ खबरें हैं. गोया खबरें न हों, बुलेट ट्रेन [...]

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18 अगस्त के ‘जनसत्ता’ की खबर के सन्दर्भ में

Posted: 19 Aug 2011 05:44 AM PDT

18 अगस्त के 'जनसत्ता' की खबर 'कई संगठनों ने अण्णा की गिरफ्तारी पर जताया विरोध' में छपा है, ''सोशलिस्ट पार्टी ने भी ऐलान किया है कि वह जस्टिस राजेंद्र सच्चर के साथ मिल कर हजारे के लिए कानूनी लड़ाई लड़ेगी। … ।'' इस संदर्भ में निवेदन है कि सोशलिस्ट पार्टी ने अण्णा हजारे की कानूनी [...]

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एक बूढे शेर की दहाड ने हिला दी सरकार की चूलें

Posted: 19 Aug 2011 05:31 AM PDT

वीरभान सिंह अन्ना के समर्थन में युवाओं ने रोक दी रेल पटरियों पर तिरंगा लहराकर लगाये वंदे मातरम के नारे मैनपुरी, उत्तर प्रदेश। तिहाड में बंद एक बूढे शेर की दहाड ने कांग्रेस सरकार की सल्तनत डांवाडोल कर दी। हिल उठी केन्द्र वालों की कमजोर कुर्सियां। एक आम आदमी की हुंकार से भ्रष्टाचारियों के कलेजे [...]

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क्यों करे समर्थन अन्ना का ?

Posted: 19 Aug 2011 03:12 AM PDT

शरद  कुमार  त्रिपाठी मै कई दिनों से देख रहा  हूँ कि  लोगो में मन में दो तरह  की   विचार धारा है एक ये कि क्या अन्ना का समर्थन करें या ना करें…कई वर्ग ऐसे  है जिनकी   इस बारे कोई एक सोच नहीं है. मेरा अपना मानना है कि  आज हम सब टी वी  से [...]

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मालेगांव धमाके, न्यायिक सांप्रदायिकता और इंडियन मुजाहिद्दीन

Posted: 19 Aug 2011 01:15 AM PDT

वक्ता- सुभाष गताडे, अजित साही, अनिल चमड़िया और मुज्तबा फारुक स्थान- यूपी प्रेस क्लब, लखनऊ समय- 11ः30 से 2 बजे तक दिनांक- 21 अगस्त 2011, दिन रविवार मित्रों, पिछले दिनों मालेगांव धमाकों  के दो हिन्दुत्ववादी आरोपियों को मुंबई की एक अदालत ने यह कहते हुए जमानत दे दिया कि वे भले ही षडयंत्र से वाकिफ [...]

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बामुलाहिजा :शर्तें लागू.

Posted: 19 Aug 2011 12:57 AM PDT

कीर्तिश  भट्ट

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क्या गांधी भी लोकतंत्र के लिए खतरा हैं?

Posted: 19 Aug 2011 12:53 AM PDT

संजीव कुमार हमारे माननीय प्रधानमंत्री अन्ना के आंदोलन को लोकतंत्र के लिए खतरा बता रहे हैं। मैं प्रधानमंत्री से पूछना चाहता हूं कि क्या शांतिपूर्वक धरना या अनशन लोकतंत्र के लिए खतरा है? अगर अन्ना और अन्ना का आंदोलन लोकतंत्र के लिए खतरा है तो उससे पहले लोकतंत्र के लिए सबसे बड़ा खतरा महात्मा गांधी [...]

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