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- अन्ना हजारे के आंदोलन को लेकर दुविधा में है मुस्लिम समाज
- तमाम सीमाओं और कमियों के बावजूद यह एक जनतांत्रिक आंदोलन है
- अन्ना के पीछे छिपा कार्पोरेटी खेल
- बिहार : वन में लूट की छूट
- रवि भाटिया: राष्ट्रीय भावनाओं से ओतप्रोत है फिल्म टु इंडियन लिटिल
- सरकार अब जनता को नजर अंदाज नही कर सकती
- दस दिन का अनशन
- बामुलाहिजा :अनशन उनका, ब्लड प्रेशर इनका !!!
- किन्नर बोले: केन्द्र सरकार हमारे जैसी
- अन्ना का आंदोलन: छोटे खतरे से बड़े खतरे की ओर
| अन्ना हजारे के आंदोलन को लेकर दुविधा में है मुस्लिम समाज Posted: 21 Aug 2011 06:35 PM PDT अंबरीश कुमार लखनऊ ,अगस्त । अन्ना हजारे के आंदोलन को लेकर मुस्लिम समाज असमंजस में है । कई मुस्लिम नेता और बुद्धिजीवी हजारे के आंदोलन के समर्थन में है पर उन्हें आशंका है कि दक्षिणपंथी ताकते इस आंदोलन में घुसपैठ कर चुकी है जिसकी वजह से मुस्लिम समाज की हिस्सेदारी कम है । मुस्लिम समाज [...] पूरा आलेख पढने के लिए देखें एवं अपनी प्रतिक्रिया भी दें http://hastakshep.com/ |
| तमाम सीमाओं और कमियों के बावजूद यह एक जनतांत्रिक आंदोलन है Posted: 21 Aug 2011 06:29 PM PDT आनंद प्रधान अन्ना के भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन से खुलती नई संभावनाए कहना मुश्किल है कि अन्ना हजारे के नेतृत्व में चल रहे भ्रष्टाचार विरोधी और जन लोकपाल समर्थक आंदोलन से अंततः क्या निकलेगा? संभव है कि यह आंदोलन नाकाम रहे, यह भी संभव है कि इसे कुचल दिया जाए, यह भी कि आखिर में सरकार [...] पूरा आलेख पढने के लिए देखें एवं अपनी प्रतिक्रिया भी दें http://hastakshep.com/ |
| अन्ना के पीछे छिपा कार्पोरेटी खेल Posted: 21 Aug 2011 06:15 PM PDT अन्ना का आंदोलन और नेतृत्व का सवाल डॉ. राम प्रकाश अनंत 16 अगस्त को अन्ना अनशन पर बैठे और सरकार ने उन्हें गिरफ़्तार कर लिया. उसके बाद देश भर में प्रदर्शनों का दौर शुरू हुआ. हालांकि इन प्रदर्शनों में मुख्य भूमिका भाजपा की है, तथापि काँग्रेस को छोड़कर अन्य राजनीतिक पार्टियां भी इसमें हिस्सा ले [...] पूरा आलेख पढने के लिए देखें एवं अपनी प्रतिक्रिया भी दें http://hastakshep.com/ |
| Posted: 21 Aug 2011 08:34 AM PDT जुगनू शारदेय - बिहार से झारखंड निकल जाने के बाद बचे खुचे बिहार में वन की हालत खराब से खराब होती जा रही है । इस खराबी के लिए राजनीतिक स्तर पर जिम्मेदार लालू काल के पर्यावरण एवं वन मंत्री जगदानंद के साथ साथ नीतीश काल में भारतीय जनता पार्टी के खाते से बने 2005-2010 [...] पूरा आलेख पढने के लिए देखें एवं अपनी प्रतिक्रिया भी दें http://hastakshep.com/ |
| रवि भाटिया: राष्ट्रीय भावनाओं से ओतप्रोत है फिल्म टु इंडियन लिटिल Posted: 21 Aug 2011 08:05 AM PDT प्रेमबाबू शर्मा राजकपूर से प्रभावित होकर बालीवुड में दस्तक देने वाले का युवा प्रतिभा सम्पन्न फिल्मकार रवि भाटिया इन दिनों चर्चाओं में अपनी नयी बाल फिल्म टु लिटिल इंडियन को लेकर। अपनी पहली फिल्म को बडे ही योजनाबद्व तरीके से पूरे विश्व में रीलिज करने की तैयारी में है, हालातों और जीवन में अकस्मित घटनाओं [...] पूरा आलेख पढने के लिए देखें एवं अपनी प्रतिक्रिया भी दें http://hastakshep.com/ |
| सरकार अब जनता को नजर अंदाज नही कर सकती Posted: 21 Aug 2011 07:09 AM PDT डॉ .आशीष वशिष्ट जन लोकपाल बिल के लिए अन्ना के अनशन की आंधी ने सरकार के तंबू उखाड़ दिये हैं। सरकार और सिविल सोसायटी के बीच खींचतान किसी से छिपी नहीं है। मसौदा कमेटी में सिविल सोसायटी के सदस्यों को शामिल करवाने के लिए अन्ना को अनशन का सहारा लेना पड़ा था। संयुक्त मसौदा [...] पूरा आलेख पढने के लिए देखें एवं अपनी प्रतिक्रिया भी दें http://hastakshep.com/ |
| Posted: 21 Aug 2011 05:31 AM PDT अन्ना का अनशन तमाशा जारी है. इस अनशन पर तमाम सवाल उठ रहे हैं. ऐसे में हम स्व. हरिशंकर परिसाई का कई दशक पूर्व लिखा गया व्यंग्य यहाँ प्रस्तुत कर रहे हैं. इस व्यंग्य की प्रासंगिकता आज भी बनी हुई है हरिशंकर परसाई 10 जनवरी आज मैंने बन्नू से कहा, ” देख बन्नू, दौर [...] पूरा आलेख पढने के लिए देखें एवं अपनी प्रतिक्रिया भी दें http://hastakshep.com/ |
| बामुलाहिजा :अनशन उनका, ब्लड प्रेशर इनका !!! Posted: 21 Aug 2011 05:04 AM PDT |
| किन्नर बोले: केन्द्र सरकार हमारे जैसी Posted: 21 Aug 2011 05:01 AM PDT वीरभान सिंह अन्ना के समर्थन में किन्नर ने निकाली रैली उत्तर प्रदेश(मैनपुरी)। 'मेरा मुल्क मेरा देश मेरा ये वतन, शांति का उन्नति का प्यार का चमन, दिल दिया है जान भी देंगे ऐ वतन तेरे लिए….' ढोलक की थाप पर इन गीतों को गाते हुए किन्नरों की टोली जब अन्ना के समर्थन में उतरी तो [...] पूरा आलेख पढने के लिए देखें एवं अपनी प्रतिक्रिया भी दें http://hastakshep.com/ |
| अन्ना का आंदोलन: छोटे खतरे से बड़े खतरे की ओर Posted: 20 Aug 2011 07:25 PM PDT उदित राज इसमें कोई शक नहीं है कि देश में महाभ्रष्टाचार एवं महंगाई चरम सीमा पर है। मीडिया की सक्रियता एवं मुख्य रूप से सवर्ण मध्यमवर्ग में गुस्सा एवं निराशा ने अन्ना हजारे को इस मुकाम पर पहुंचा दिया है। इस टीम के प्रमुख नेता, जैसे – अन्ना हजारे, किरन बेदी, अरविंद किजरीवाल, प्रशांत [...] पूरा आलेख पढने के लिए देखें एवं अपनी प्रतिक्रिया भी दें http://hastakshep.com/ |
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