Tuesday, August 23, 2011

राजनैतिक, आर्थिक, संस्कृतिक मुद्दो और आम आदमी के सवालो पर सार्थक हस्तक्षेप Hastakshep.com

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अन्ना, जेपी और गांधी

Posted: 23 Aug 2011 07:46 PM PDT

अंबरीश कुमार अन्ना हजारे के आंदोलन में हफ्ते भर से धरना दे रहे चौहत्तर आंदोलन के साथी राजीव से मैंने पूछा था कि मंच पर बैनर लगा है ‘ दूसरी आजादी की लड़ाई ‘ जबकि चौहत्तर आंदोलन को दूसरी आजादी की लड़ाई बताया जाता रहा है .इसपर उनका जवाब था यह अन्ना का फैसला है [...]

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अब भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन भी हुआ हिंदू व मुसलमान

Posted: 23 Aug 2011 07:53 AM PDT

निर्मल रानी              वैसे तो देशहित या समाज कल्याण से जुड़े आंदोलनों या इनसे संबंधित मुद्दों को सांप्रदायिकता अथवा धर्म-जाति के रंगों में नहीं रंगा जा सकता। परंतु जब कभी इस प्रकार के ज्वलंत मुद्दे पर देश की कोई जि़म्मेदार प्रसिद्धि प्राप्त धार्मिक शख्सियत अपने विवादित वक्तव्यों के साथ स्वयंभू रूप से कूद पड़े तो फिर [...]

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मैं अन्ना नहीं होना चाहूंगी : अरुंधती राय

Posted: 23 Aug 2011 01:05 AM PDT

अंग्रेज़ी के अखबार “दि हिन्दू” में बुकर पुरस्कार विजेता अरुंधती रॉय का एक लेख प्रकाशित हुआ है जिसमे अन्ना हजारे के आन्दोलन पर गंभीर सवाल उठाये गये हैं. इस लेख का हिन्दी अनुवाद मनोज पटेल ने “पढ़ते-पढ़ते” पर किया है. अनुवाद हम वहीं से साभार ले रहे हैं एवं मूल आलेख “दि हिन्दू” से साभार [...]

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एक प्रायोजित नायक और प्रायोजित आंदोलन

Posted: 23 Aug 2011 12:21 AM PDT

         कहावत है कि कुछ लोग महान पैदा होते हैं, कुछ लोग महानता हासिल करते हैं और कुछ लोगों पर महानता थोप दी जाती है। किसान भाऊराव हजारे उर्फ अन्ना हजारे ऐसे ही शख्स हैं जिनके उपर महानता थोप दी गई है। इस देश के पूंजीपति वर्ग ने किरन बेदी और अरविंद केजरीवाल जैसे महत्वकांक्षी [...]

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मैं भ्रष्टाचार मिटाऊंगा !!!

Posted: 23 Aug 2011 12:08 AM PDT

अन्ना का काम सराहनीय है, पर खाली लोकपाल बिल का आना काफ़ी नही है. भ्रष्टाचार एक प्रवृति है जो समाज की नसों में खून की तरह दौड़ रही है. जब तक यह खून नहीं बदला जायेगा भ्रष्टाचार किसी न किसी रूप में दिखेगा. इस समय भारत का सारा मीडिया बस बात कर रहा है आन्दोलन [...]

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ये संसद की कैसी सर्वोच्चता ?

Posted: 22 Aug 2011 11:41 PM PDT

 विजय प्रताप स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र के नाम संबोधन में राष्ट्रपति प्रतिभा देवी सिंह पाटिल ने कहा कि ''संसद जैसी संवैधानिक संस्थाओं के अधिकारों और विश्वसनीयता को जाने-अनजाने में कम करने की कोशिश नहीं की जानी चाहिए।'' इसमें कोई दो राय नहीं की लोकतांत्रिक व्यवस्था में संसद की सर्वोच्चता से समझौता नहीं [...]

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भ्रष्टाचार की अधूरी लड़ाई

Posted: 22 Aug 2011 11:28 PM PDT

 विजय प्रताप ग्लोबल फाइनेंशियल इंटिग्रिटी के हालिया रिपोर्ट के अनुसार भारत को हर घंटे 24 करोड़ और हर दिन 240 करोड़ रुपये का चूना गैर कानूनी वित्तिय प्रवाह के जरिये लग रहा है। रिपोर्ट में गैर कानूनी वित्तिय प्रवाह को स्पष्ट करते हुए इसमें भ्रष्टाचार, रिश्वतखोरी, आपराधिक व कर अधिकरणों से पैसे छुपाने की प्रवृति [...]

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भूमंडलीकरण के दौर में भारतीय महिलाओं की ’भारतीयता’

Posted: 22 Aug 2011 09:55 PM PDT

इलीना सेन इन दिनों सामान्य बातचीत और आम सामाजिक जीवन में इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का महत्व बहुत अधिक हो गया है. निम्न साक्षरता और कम शिक्षा स्तर वाले इस देश में सूचना प्रौद्योगिकी तक तेज पहुंच (रिपोर्ट बताती है कि प्रति १००० लोगों पर संडास की तुलना में मोबाइल फ़ोन अधिक हैं) और स्वस्थ मनोरंजन के [...]

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क्या है भारतीय होने का मतलब

Posted: 22 Aug 2011 09:07 PM PDT

 देवाशीष प्रसून कौन है भारतीय और क्या है भारतीय होने का मतलब? सवाल अहम है और जवाब परेशान करने वाला। दो घटनाओं का ज़िक्र करना चाहूंगा। पहली तब की है, जब मैं आठवीं कक्षा में था। एक शिक्षक थे। वह बार-बार विद्यार्थियों को असल भारतीय होने की दुहाई देते थे। कहते थे अगर तुम असल [...]

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अन्ना गाँधी नहीं हैं : हसन कमाल

Posted: 22 Aug 2011 08:03 PM PDT

मोहम्मद तारिक खान देश के मशहूर सहाफी हसन कमाल ने अपने एक लेख में प्रिंट व इलेक्ट्रोनिक मीडिया के जरिये अन्ना हजारे की तहरीक के हक़ में ली जा रही गैर मामूली दिलचस्पी को उनका सरमायेदारी प्रेम बतलाया है। उनके अनुसार मीडिया यह काम अपने सरमायेदार आकाओं के इशारे पर कर रहा है जिनके आर्थिक [...]

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