Monday, August 29, 2011

राजनैतिक, आर्थिक, संस्कृतिक मुद्दो और आम आदमी के सवालो पर सार्थक हस्तक्षेप Hastakshep.com

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अन्ना जी, जिसने सच कह दिया उसका बुरा हाल क्यों है?

Posted: 29 Aug 2011 03:19 AM PDT

होता है तमाशा रोज़ मेरे  आगे देशपाल सिंह पंवार मैं बहुत कुछ सोचता रहता हूं पर कहता नहीं, यहां बोलना है मना, सच बोलना तो दरकिनार। रामलीला मैदान:अन्ना जूस पीते हैं। पीते ही साथी जोश में आते हैं। माइक पकड़ते हैं। फरमाते हैं-हमने आधी लड़ाई जीत ली। मेरी समझ में तो नहीं आया ,आपको पता [...]

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जयप्रकाश आंदोलन और हिंदी कविता

Posted: 28 Aug 2011 09:04 PM PDT

प्रेम प्रकाश जयप्रकाश नारायण 74 आंदोलन के दिनों में अक्सर कहा करते थे कि कमबख्त क्रांति भी आई तो बुढ़ापे में। पर इसे बुढ़ापे की पकी समझ ही कहेंगे कि संपूर्ण क्रांति का यह महानायक अपने क्रांतिकारी अभियान में संघर्षशील युवाओं और रचनात्मक कार्यकर्ताओं की जमात के साथ कलम के उन सिपाहियों को भी भूला [...]

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