Sunday, August 21, 2011

Re: NavNirman - अन्ना हजारे के समर्थन में भ्रष्टाचार के खिलाफ धरना-प्रदर्शन करने वाले निगम कर्मचारियों का असली चेहरा :महज छह सौ रुपये में अन्ना का लखनऊ का जन्म प्रमाण पत्र बना

Thanks dear Urvashi
DR JN Sharma

On 8/21/11, urvashi sharma <rtimahilamanchup@gmail.com> wrote:
> please click
>
> http://epaper.amarujala.com/svww_zoomart.php?Artname=20110821a_021163006&ileft=120&itop=568&zoomRatio=143&AN=20110821a_021163006
>
> खुली पोल तो कागजी खेल
> बचने के लिए अन्ना की मां के नाम पर शपथपत्र बनवाया
> • अमर उजाला ब्यूरो
> लखनऊ। घोटालों की जीती जागती मिसाल बन चुके नगर निगम ने एक और कारनामा कर
> दिखाया। शुक्रवार को चंद रुपयों के बदले महाराष्ट्र निवासी और समाज सेवी
> अन्ना हजारे का लखनऊ का जन्म प्रमाण पत्र बनाने वाला निगम कर्मचारी
> शनिवार को लीपापोती में जुटे रहे। आलम यह कि अधिकारियों ने अपने बचाव के
> मद्देनजर शनिवार को बैक डेट में अन्ना हजारे की मां लक्ष्मीबाई के नाम का
> शपथपत्र तक बनवा लिया। यही नहीं कागजी खेल करने में उस्ताद निगम कर्मियों
> ने जरूरी दस्तावेज जुटाकर पूरी फाइल तैयार कर ली। जोनल अधिकारी,
> स्वास्थ्य अधिकारी और विभाग के बड़े बाबू फर्जी तरीके से बने प्रमाण पत्र
> से जुड़े सभी दस्तावेज जुटाने के लिए दिनभर माथापच्ची करते रहे। वहीं,
> अमर उजाला के खुलासे के बाद नगर आयुक्त शैलेश कुमार सिंह ने फोन पर
> अधिकारियों को फटकार लगाते हुए पूरे मामले की जांच के आदेश दिए हैं।
> एक तरफ जहां भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज बुलंद कर रहे अन्ना हजारे के
> समर्थन में पूरा देश उमड़ रहा है, वहीं महज छह सौ रुपये में अन्ना का
> लखनऊ में बर्थ सर्टिफिकेट बना देने वाले निगम कर्मियों का चेहरा उजागर
> होने के बाद महापौर डॉ. दिनेश शर्मा की भी त्योरियां चढ़ गई हैं।
> उन्होंने पूरे मामले की जांच के लिए नगर आयुक्त शैलेश कुमार सिंह को आदेश
> दिए हैं। इसके बाद इलाज कराने विदेश गए नगर आयुक्त ने फोन पर अपर नगर
> आयुक्त प्रताप सिंह भदौरिया को जांच का जिम्मा सौंपा। रविवार को नगर
> आयुक्त शहर लौट आएंगे, उसके बाद खुद इस मामले की पड़ताल करेंगे। इससे
> पहले भ्रष्टाचार के खुलासे के बाद शनिवार को नगर मुख्यालय में हड़कंप मच
> गया। सूत्र बता रहे हैं कि स्वास्थ्य विभाग के बाबुओं द्वारा बैकडेट (19
> अगस्त) का एफीडेविट तैयार कराया। उन सभी कागजों को दुरुस्त किया गया,
> जिसके आधार पर जन्म प्रमाण पत्र बनाया जाता है। नगर आयुक्त के आदेश के
> बाद अपर नगर आयुक्त प्रताप सिंह भदौरिया ने अपर नगर आयुक्त पीके
> श्रीवास्तव को जांच अधिकारी नियुक्ति किया है।
> बड़े बाबू ने दी सफाई
> जोनल अधिकारी ने स्वास्थ्य विभाग के बड़े बाबू राज नारायण मिश्र से जवाब
> -तलब किया। शाम पांच बजे बड़े बाबू ने ठीकरा सिटी मजिस्ट्रेट द्वारा जारी
> शपथपत्र पर फोड़ा। बड़े बाबू राजनारायण मिश्र ने कहा है कि निगम ने अन्ना
> हजारे के नाम पर जन्म प्रमाण पत्र नहीं जारी किया गया है। किशन बाबू राव
> पुत्र बाबूराव निवासी एमजी मार्ग के जिस नाम पर प्रमाण पत्र बनाया है वह
> फर्जी है। जिस पते पर प्रमाण पत्र बनाया गया, वहां इस नाम का कोई नहीं
> रहता है। प्रमाण पत्र सिटी मजिस्ट्रेट के एफीडेविट के आधार पर बनाया गया,
> जिसे लक्ष्मीबाई नाम की महिला ने सबूत के लिए पेश किया है। नगर निगम एक्ट
> के अनुसार एक साल से ऊपर के जन्म प्रमाण पत्र सिटी मजिस्ट्रेट की
> एफीडेविट के आधार पर बनाया जाता है। जांच में फर्जी पाए जाने पर इसे
> निरस्त कर दिया जाता है। बड़े बाबू ने कहा है कि जमील नाम का कोई
> कर्मचारी स्वास्थ्य विभाग में है ही नहीं।
> स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. पीके सिंह को पूरे मामले की जांच के आदेश दिए गए
> हैं। अगर मामला फर्जी पाया गया तो संबंधित विभाग के अधिकारियों और बाबुओं
> के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
> - प्रताप सिंह भदौरिया, अपर नगर आयुक्त
> 20 अगस्त को अमर उजाला में प्रकाशित खबर।
> मैंने नगर आयुक्त को फोन पर जांच के आदेश दिए हैं। पारिवारिक कारणों के
> चलते नगर आयुक्त शहर से बाहर हैं। उनके लौटने पर जांच शुरू होगी। जो भी
> दोषी पाए जाएंगे, उन पर कार्रवाई होगी।
> - डॉ. दिनेश शर्मा, महापौर
> कई साल से जमे हैं बाबू
> नगर निगम के स्वास्थ्य विभाग के बड़े बाबूू समेत कई कर्मचारी कई साल से
> एक ही सीट पर चिपके हैं। इसमें 10 बाबुओं को पिछले दिनों नगर आयुक्त ने
> दूसरे विभागों में स्थांनांतरित कर दिया था, लेकिन बाबुओं ने नई जगह
> ज्वाइनिंग ही नहीं की। इन बाबुओं की हनक इतनी है कि इनके सामने नगर
> आयुक्त का आदेश भी बेमानी साबित हो जाता है। जन्म और मृत्यु पंजीकरण
> विभाग में कई साल से जमे बाबू बगैर पैसे लिए काम नहीं करते हैं। इसका
> खुलासा अमर उजाला ने अप्रैल में किया था।
> •जोनल अधिकारी व बड़े बाबू फाइल बनाने में जुटे रहे
>
>
> http://epaper.amarujala.com/svww_zoomart.php?Artname=20110821a_001163003&ileft=-5&itop=1027&zoomRatio=130&AN=20110821a_001163003
>
> अन्ना के जन्म प्रमाण पर नगर निगम में हड़कंप
> लखनऊ । नगर निगम की ओर से अन्ना हजारे को लखनऊ का निवासी बताते हुए जन्म
> प्रमाण पत्र जारी करने का खुलासा होने के बाद शनिवार को निगम दफ्तर में
> हड़कंप मचा रहा। महापौर डॉ दिनेश शर्मा की पहल पर निगम आयुक्त ने मामले
> की जांच के आदेश दिए हैं।
> महज छह सौ रुपये में अन्ना का लखनऊ का जन्म प्रमाण पत्र बनवा कर 'अमर
> उजाला' ने शुक्रवार को ही निगम में चल रहे गोरखधंधे का खुलासा किया था।
> बिना किसी दस्तावेज केबने इस जन्म प्रमाण पत्र पर रजिस्ट्रार के
> हस्ताक्षर तो हैं ही, इसे निगम ने अपने रिकॉर्ड में भी दर्ज कर लिया है।
> हालांकि खबर प्रकाशित होने के बाद निगम ने प्रमाण पत्र को रद्द कर दिया
> है।
> शेष पेज 7 पर
>
> http://epaper.amarujala.com/svww_zoomart.php?Artname=20110821a_007163010&ileft=-5&itop=718&zoomRatio=130&AN=20110821a_007163010
>
> अन्ना के...
> इस मामले की जानकारी विदेश में इलाज कराने गए नगर आयुक्त शैलेश कुमार
> सिंह तक भी पहुंचाई गई। उन्होंने फोन पर ही निगम अफसरों की जमकर क्लास
> लगाई। यही नहीं उन्होंने अपर नगर आयुक्त को जांच का जिम्मा देने के साथ
> ही जल्द रिपोर्ट मांगी है। बता दें कि मुख्यालय गेट पर अन्ना हजारे के
> समर्थन में भ्रष्टाचार के खिलाफ धरना-प्रदर्शन करने वाले निगम
> कर्मचारियों का असली चेहरा शुक्रवार को अमर उजाला उजागर किया था। निगम
> में सक्रिय दलालों ने महज छह सौ रुपये की खातिर कर्मचारियों मदद से
> महाराष्ट्र निवासी अन्ना हजारे के मूल नाम से लखनऊ में पैदा होने का जन्म
> प्रमाण पत्र बना डाला था। दिलचस्प ये है कि निगम में तैनात रजिस्ट्रार ने
> डीएम आवास का पता होने केबावजूद अपने हस्ताक्षर से इस प्रमाण पत्र को
> जारी कर दिया।
>
>
>
>
> --
> - Urvashi Sharma
> yaishwaryah.seva.sansthan@gmail.com
> http://yaishwaryaj-seva-sansthan.hpage.co.in/
> http://yaishwaryaj-seva-sansthan.blogspot.com/
>

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