Tuesday, October 18, 2011

राजनैतिक, आर्थिक, संस्कृतिक मुद्दो और आम आदमी के सवालो पर सार्थक हस्तक्षेप Hastakshep.com

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पूंजीवादी-साम्राज्यवादी व्यवस्था के विरोधी ,समाजवादी -देशभक्त ,सच्चे आशिक थे मजाज़

Posted: 18 Oct 2011 08:29 AM PDT

 अरविन्द विद्रोही           १९ अक्टूबर ,१९११ को रुदौली तत्कालीन अवध प्रान्त वर्तमान में फैजाबाद जनपद में चौधरी सिराजुल हक़ के पुत्र रूप में जन्मे असरारुल हक़ ने उस दौर में अपनी आँखे खोली थी जब भारत भूमि ब्रितानिया हुकूमत की गुलामी की बेड़ियो में जकड़ी थी | आवाम एक दीवाने की तरफ [...]

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अब मायावती को बुरी लगती है, आओ इसलिए उजाड़ दो झुग्गियां

Posted: 18 Oct 2011 07:59 AM PDT

जिन्हें मुलायम सरकार दे रही थी ६२००० में २६ वर्ग मीटर प्लाट, अब मायावती सरकार देगी उन्ही  गरीबों को सिर्फ तेरह लाख में फ्लैट अंजुले श्याम मौर्य ‘जब तक बच्चे रोते नहीं..चीखते-चिल्लाते नहीं, ये माएं उन्हें दूध भी नहीं पिलातीं. इसलिए उठो अपने हक़ के लिए लड़ो. वरना तुम्हें तुम्हारा हक़ नहीं मिलेगा’. दुबले पतले गोपाल प्रसाद जब ये [...]

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जार्ज बुश को नहीं छोड़ रहा उनके युद्ध अपराधों का भूत

Posted: 18 Oct 2011 07:44 AM PDT

तनवीर जाफ़री धरती पर पर्यावरण असंतुलन की बात हो या अमेरिका में आई भारी आर्थिक मंदी की या फिर बढ़ती हुई ग्लोबल वार्मिंग में हिस्सेदारी की बात हो अथवा दुनिया के सबसे बड़े मानवाधिकार हनन के कर्ता का जिक्र हो, पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जार्ज डब्लू बुश द्वितीय का नाम उपरोक्त सभी त्रासदियों के लिए सबसे [...]

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गरीबों का मजाक तो मत उड़ाइये जनाब!

Posted: 18 Oct 2011 07:01 AM PDT

निर्भय कुमार कर्ण गरीबी का सीधा-सीधा ताल्लुक सबसे पहले भोजन से होता है। इंसान को दो वक्त की रोटी के नसीब होने के बाद ही वह अन्य चीजांें पर ध्यान दे सकता है जैसे कि कपड़ा, मकान, रिश्तेदारी, मनोरंजन या अन्य चीजें। ऐसे लोगों की भी संख्या काफी अधिक है जिन्हें दो वक्त की रोटी [...]

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देश की अखंडता और अन्ना का मौन

Posted: 18 Oct 2011 06:25 AM PDT

विपिन किशोर सिन्हा       भ्रष्टाचार के खिलाफ़ जनलोकपाल बिल के लिए अन्ना हजारे ने अप्रिल, २०११ में दिल्ली के जन्तर-मन्तर में आमरण अनशन किया। मंच की पृष्ठभूमि में भारत माता का चित्र लगा हुआ था। स्वामी अग्निवेश उस समय अन्ना के मुख्य सलाहकार हुआ करते थे। उन्होंने सलाह दी कि भारत माता का चित्र लगाने [...]

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इतना आसान नहीं है कश्मीर समस्या का हल

Posted: 18 Oct 2011 02:40 AM PDT

संदर्भ: भूषण पर हमला -राम पुनियानी उच्चतम न्यायालय के वरिष्ठ वकील और "टीम अन्ना" के सदस्य प्रशांत भूषण पर 12 अक्टूबर 2011 को हुए नितांत निंदनीय हमले ने कई प्रश्नों को जन्म दिया है। हमले के तुरंत बाद, शिवसेना जैसे "अति राष्ट्रवादी" संगठनों ने हमलावरों को बधाई दी। इससे एक बार फिर यह साफ हो [...]

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सरकार के गले की फॉस बना आरटीआई

Posted: 18 Oct 2011 12:27 AM PDT

लिमटी खरे लोगों की वाहवाही बटोरने की गरज से कांग्रेस की राजमाता श्रीमति सोनिया गांधी ने 2005 में कांग्रेसनीत संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार को फरमान जारी किया था कि लोगों को सब कुछ जानने का हक है। इसी तारतम्य में पारदर्शिता को कथित तौर पर बढ़ावा देने के उद्देश्य से सूचना का अधिकार कानून (आरटीआई) [...]

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क्यों नाराज़ है सरकार सूचना के अधिकार से?

Posted: 17 Oct 2011 08:14 PM PDT

आनंद प्रधान फ़ाइल नोटिंग के बिना सूचना का अधिकार बेमानी है कहते हैं कि क्रांतियां अपने संतानों को खा जाती हैं. ऐसा लगता है कि यू.पी.ए सरकार के साथ भी ऐसा ही हो रहा है. कम से कम सरकार खुद ऐसा ही सोचती है. आश्चर्य नहीं कि कल तक सूचना के अधिकार के कानून को [...]

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चुनाव अमेठी में कैनवासिंग मुंबई में

Posted: 17 Oct 2011 07:58 PM PDT

शेष नारायण सिंह  मुंबई ,15 अक्टूबर . उत्तर प्रदेश विधान सभा के २०१२ में होने वाले चुनावों की धमक दिल्ली में भी महसूस की जा रही है.अमेठी की विधायक अमिता सिंह आजकल मुंबई में हैं और मुंबई में रहने वाले अमेठी के मूल निवासियों से संपर्क करने की कोशिश कर रही हैं .अमेठी से आकर मुंबई में रहने वाले [...]

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व्यंग्य – जहां-तहां अन्नागिरी

Posted: 17 Oct 2011 07:45 PM PDT

राजकुमार साहू समाजसेवी अन्ना हजारे ने पिछले दिनों तेरह दिनों तक अनशन करके 'अन्नागिरी' को हवा दे दी है। देश में अब तक नेतागिरी, चमचागिरी, बाबागिरी की हवा चल रही थी। अन्नागिरी के हावी होते ही अभी भ्रष्टाचारियों के मूड खराब हो गए हैं, क्योंकि जहां-तहां अन्नागिरी ही छाई हुई है। हर जुबान से बस [...]

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