Thursday, April 19, 2012

राजनैतिक, आर्थिक, संस्कृतिक मुद्दो और आम आदमी के सवालो पर सार्थक हस्तक्षेप Hastakshep.com

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थैंक्यू डीआरडीओ! वैज्ञानिकों को हमारा सलाम!

Posted: 19 Apr 2012 07:16 PM PDT

अभिरंजन कुमार सेना से जुड़े कई तरह के विवादों के बीच इन दिनों देश के लोगों में एक किस्म की निराशा भरती जा रही थी, लेकिन अग्नि-5 मिसाइल के सफल प्रक्षेपण ने देशवासियों को फिर से एक हौसला दिया है। जो लोग इस खुलासे से सन्न थे कि भारतीय सेना के पास हथियार और गोले-बारूदों [...]

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गिरना है तो मैं अपने ही क़दमों में गिरूँ

Posted: 19 Apr 2012 08:45 AM PDT

अंजू शर्मा  “मुझे गिरना है तो मैं अपने ही क़दमों में गिरूँ,  जैसे साया-ए-दीवार पर दीवार गिरे….”   कल शाम त्रिवेणी कला संगम, मंडी हाउस, दिल्ली में आयोजित, कविता के  प्रचार-प्रसार और उसकी प्रासंगिकता को समर्पित कवियों की संस्था “लिखावट” के कार्यक्रम “कविता पाठ -एक” में वरिष्ठ कवि लीलाधर मंडलोई जी ने युवा कवि अशोक कुमार पाण्डेय की काव्य-यात्रा और [...]

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‘मोदी अर्थात बिजनेस’ नारे का क्या यह अर्थ साफ है, बिजनेस अर्थात हत्या ?

Posted: 19 Apr 2012 02:47 AM PDT

गुड़गांव में मजदूर आंदोलन ओरिएन्ट क्राफ्ट : आधुनिक टेक्सटाइल उद्योग में ठेका मजदूरी या बंधुआगीरी , अंजनी कुमार चंद वर्षों पहले तक अखबार की सुर्खियों से मजदूर गायब रहता था। यह सिलसिला टूट रहा है। यह और बात है कि इस खबर को कैसे छापा जाता है और छापने का उद्देश्य क्या होता है। पर, [...]

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अब राष्ट्रीय संग्रहालय को बेचने की तैयारी

Posted: 19 Apr 2012 01:17 AM PDT

शेष नारायण सिंह    संस्कृति मंत्रालय के एक और संगठन का घपला संसद की नज़र में आया है . नैशनल म्यूज़ियम  हमारे इतिहास का एक खजाना है लेकिन उसके रखरखाव और प्रबंधन के काम  में सरकार ने  बहुत ही गैरज़िम्मेदार तरीका अपना रखा है. संस्कृति मंत्रालय के काम पर नज़र रखने वाली संसद की स्थायी समिति [...]

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जिनकी जगह जेल में, प्लीज़ उन्हें भगवान मत बनाइए!

Posted: 18 Apr 2012 11:30 PM PDT

अभिरंजन कुमार भारतीय बाबा बाज़ार में किस तरह बूम है, यह बताने वाला बाबा-पुराण तो आप मेरे पिछले आलेख में पढ़ ही चुके हैं। इस पर दोबारा कुछ लिखने का मन हुआ, क्योंकि बुधवार को एक टीवी चैनल पर देखा कि मल से मले हुए एक बाबा के लिए एक महिला चीख-चीखकर कह रही थी [...]

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भविष्य निधि, जीवन बीमा के बाद आम आदमी के बचत में भी कैंची!

Posted: 18 Apr 2012 08:58 PM PDT

मुंबई से एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास आरबीआई ने बाजार की उम्मीद से ज्यादा रेपो रेट में कटौती की है। रेपो रेट 0.5 फीसदी घटकर 8 फीसदी हो गया है। आगे भी आरबीआई की ओर से कुछ राहत मिलने की उम्मीद है।मौद्रिक नीति के तहत कारपोरेट जगत और बैंकों को राहत देकर रिजर्व बैंक ने आम आदमी [...]

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विद्रोह की दस्तक

Posted: 18 Apr 2012 07:58 PM PDT

- जितेन ठाकुर कथाकार दयानंद पांडेय का उपन्यास हारमोनियम के हज़ार टुकड़े एक ऐसा दस्तावेज है, जो पत्रकारिता के ग्लैमर के पीछे छिपे क्रूर सत्य को उद्घाटित करता है। वास्तव में यह उपन्यास पत्रकारिता के नाम पर फैले निहायत घिनौने परिवेश के प्रति विद्रोह की दस्तक है। इस उपन्यास में हालां कि एक विशिष्ट कालखंड [...]

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11 जुलाई 1996 को इतिहास से मिटा दीजिए, प्लीज़!

Posted: 18 Apr 2012 07:30 PM PDT

क्योंकि सोलह सालों में सात साल सुशासन के भी थे  अभिरंजन कुमार इतिहास से 11 जुलाई 1996 की तारीख को मिटा दीजिए। इस दिन रणवीर सेना के लोगों ने भोजपुर जिले के बथानी टोला गांव में कमज़ोर तबकों के 21 लोगों की हत्या कर दी थी, जिनमें 12 महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे।   [...]

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