Wednesday, May 2, 2012

राजनैतिक, आर्थिक, संस्कृतिक मुद्दो और आम आदमी के सवालो पर सार्थक हस्तक्षेप Hastakshep.com

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जन संसद का एक आह्वान

Posted: 02 May 2012 07:13 PM PDT

हमारी मेहनत ! हमारी शक्ति ! मजदूर एकता जिंदाबाद ! प्रिय साथियों जिंदाबाद ! हर साल दुनिया के लाखों करोड़ों मजदूर १ मई को मजदूर दिवस मनाते हैं | यह दिन सिर्फ जीत का जश्न मनाने का दिन नहीं, बल्कि जीत के साथ साथ हार एवं आज के समय में मजदूरों के सामने मौजूद चुनौतियों [...]

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धूमल को भी चिंता है मीडिया के धूमिल होते रंग की

Posted: 02 May 2012 10:28 AM PDT

मीडिया के बदले रंग से बदरंग न हो जाए लोकतंत्र जयश्री राठौड़ हमीरपुर, मीडिया को अच्छी तरह से समझने और समझाने वाले हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री प्रेमकुमार धूमल इस पर किसी बंदिश के पक्ष में नहीं है लेकिन वे इसके पक्षधर भी नहीं कि यह मर्यादा का उल्लंघन करे। उनके मुताबिक वर्तमान परिप्रेक्ष्य में समाज [...]

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समाजवादी आन्दोलन का आख़री वसीयतनामा……’बगैर कांग्रेस के राष्ट्र नहीं बच पायेगा’ !!!

Posted: 02 May 2012 09:31 AM PDT

चंचल  ’तीन बड़ी घटनाएं ‘ निहायत ही खामोसी से निकल गईं ______________________ मई दिवस मध् जी का जन्म दिन नामवर सिंह का जन्म दिन हमारे पास मोगरे का फूल था, मोटू मेरा दोस्त, उसने इकट्ठा किया था. ‘इकट्ठा’ पर उसे ऐतराज था. उसका कहना था – ‘बहुत गंदे हो .. तुम्हे भाषा की भी तमीज [...]

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टोरंटो में मई दिवस

Posted: 02 May 2012 08:17 AM PDT

शमशाद इलाही शम्स १२६ वर्ष पूर्व टोरोटों से कोई ८५० किलोमीटर दूर अमेरिका स्थित शिकागो शहर में पूंजीवाद के गर्भ में पल रहे मज़दूर आंदोलन के तहत जब पुलिस से कोई दर्जन भर मज़दूरों को मार गिराया था तब इस बात का किसी को इल्म नहीं था कि इस घटना से मज़दूर आंदोलन का एक [...]

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धर्मनिरपेद्यक्षता को भारत के संविधान का स्थायी भाव मानते थे मधु लिमये

Posted: 02 May 2012 07:24 AM PDT

मधु लिमये ने सरदार पटेल को धर्मनिरपेक्षता का महान प्रणेता बताया था  शेष  नारायण सिंह  मधु लिमये होते तो ९० साल के हो गए होते . मुझे मधु  जी के करीब आने का मौक़ा १९७७ में मिला था जब वे लोक सभा के लिए चुनकर दिल्ली  आये थे. लेकिन उसके बाद दुआ सलाम तो होती रही लेकिन अपनी रोजी रोटी [...]

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और कितने कटधरे !

Posted: 02 May 2012 07:14 AM PDT

थानवी साहब का लेख जितना लिखे के पढ़े जाने की मांग करता है उससे कहीं अधिक अलिखे को. एक पत्थर से दो नहीं, कई-कई शिकार करने की उनकी आकांक्षा एक हद तक सफल हुई तो है लेकिन यह पत्थर कई बार उन तक लौट के भी आता है. खैर मेरी यह प्रतिक्रिया "अनामंत्रित" हो सकती [...]

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यहां जुबां नहीं, कला बोलती है

Posted: 02 May 2012 06:53 AM PDT

सात दिनों तक चली कला प्रदर्शनी का समापन ग्रेटर नोएडा । स्थानीय नॉलेज पार्क-दो के कलाधाम परिसर स्थित ए-69 स्टूडियो में पिछले एक सप्ताह से चल रही कला प्रदर्शनी का बुधवार को समापन हो गया। कलाधाम आर्टिस्ट वेलफेयर एसोसिएशन की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम के अवसर पर मशहूर साहित्यकार केदार नाथ सिंह ने चित्रकारों [...]

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अब किसी की मौत पर भीतर से कुछ टूटने या अंदर ही अंदर चुभते किरचों से लहूलुहान होने का कोई अहसास नहीं होता

Posted: 02 May 2012 06:20 AM PDT

क्या आप जानते हैं मणिपुर भारत का ही अंग है? यदि हाँ तो हमें मणिपुर सहित समूचे पूर्वोत्तर भारत में घाट रही घटनाओं पर चिंता तभी क्यों होती है जब वहाँ कोई धमाका होता है. कुछ दिन पूर्व बेंगलुरु में एक मणिपुरी छात्र की रहस्यमयी मृत्यु पर वरिष्ठ पत्रकार पलाश विश्वास का मर्मस्पर्शी आलेख हम [...]

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अब बनेगा बाज़ार समर्थित राष्ट्रपति ?

Posted: 02 May 2012 05:45 AM PDT

मुंबई से एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास कौशिक बसु का सुधारों का पिटारा खुलने लगा है। डीजल को बाजार की मर्जी पर छोड़ने के अलावा बीमा और विमानन क्षेत्र में ऴिदेशी निवेशकों की घुसपैठ की खुली छूट देने का इंतजाम हो गया है।लगता है आर्थिक सुधारों के दबाव में दम तोड़ती सरकार ने अब बाजार की मदद [...]

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जयहिन्द अभियान से होगा सामाजिक परिवर्तन का आगाज़

Posted: 02 May 2012 05:05 AM PDT

Inauguration of Jai Hind Abhiyan on 6th May 2012 in Delhi   Dear Friends, Jai Hind,   We request the pleasure of the company of all the  Civilian Patriots and Ex-Servicemen belonging to any uniform service for the “JAI HIND ABHIYAAN and SOCIAL CHANGE” programme scheduled on 06th May 2012 at the AZAD BHAVAN of [...]

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मीडिया पर नियंत्रण नहीं लेकिन नियमन चाहते हैं जस्टिस काटजू

Posted: 02 May 2012 04:45 AM PDT

Regulating the Media                                                         By Justice Markandey Katju I have not read Meenakshi Natarajan's Bill so I am not in a position to comment upon it, but I am certainly of the opinion that the media (both print and electronic) needs to be regulated. Since my ideas on this issue have generated some controversy they [...]

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धन की दुश्मनी की प्रेरणा प्रेमचंद से लिखवाती थी : जैनेंद्र कुमार

Posted: 02 May 2012 04:24 AM PDT

उन दिनों प्रेमचंद की जन्म-शताब्दी मनाने का बुखार चढ़ा हुआ था। सो जैनेंद्र कुमार से बात करनी थी। उन से प्रेमचंद के बाबत कुछ लिखवाने या बतिया कर कुछ सार्थक निकाल लेने का सवाल था। जैनेंद्र कुमार से बात करना बहुतों के लिए कठिन रहा है। जैनेंद्र कुमार तो छोड़िए उन के द्वारा किए गए [...]

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राजेन्द्र राजन की यादों की बारात

Posted: 02 May 2012 03:50 AM PDT

जयश्री राठौड़  जान-माने लेखक राजेन्द्र राजन की दो पुस्तकों '-पन्द्रहबीश के जंगलों से-' और 'बारह साक्षात्कार' का विमोचन राजधानी शिमला में एक सादे समारोह हिमाचल प्रदेश के ंमुख्यमंत्री प्रेमकुमार धूमल ने किया। 'पन्द्रहबीश के जंगलों से' लेखक की यादों का एक संकलन है, जिसमें शिमला जिला के दूर-दराज क्षेत्र पन्द्रहबीश के घने जंगलों, ग्रामीण परिवेश [...]

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मई दिवस के झंडे को ऊंचा उठाओ!

Posted: 30 Apr 2012 11:06 PM PDT

मई दिवस मनाने की शुरुआत हुए 125 साल से भी ज्यादा समय गुजर चुका है। इन सवा सौ साल के इतिहास में दुनिया के मजदूर वर्ग की स्थिति में कई उतार-चढ़ाव आए। उसे हार और जीत के कई दौर से भी गुजरना पड़ा लेकिन बुरी से बुरी स्थिति में भी मई दिवस का जज्बा कभी [...]

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मई दिवस की महत्ता

Posted: 30 Apr 2012 05:49 PM PDT

  श्रीराम तिवारी    सर्वहारा वर्ग, मेहनतकश वर्ग, मजदूर-किसान, संगठित और असंगठित क्षेत्र के मजदूर-कर्मचारी , केंद्र-राज्य सरकारों के कर्मचारी, सार्वजनिक उपक्रमों और निजी क्षेत्र के मजदूर कर्मचारी तथा देश के प्रगतिशील पत्रकार-लेखक-साहित्यकार, छात्र-नौजवान, संघर्षरत बेरोजगार युवा और ठेका मजदूर -कर्मचारी सभी की एकजुटता का आह्वान करने के लिए ‘एक मई मजदूर दिवस’  एक ऐतिहासिक [...]

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