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- अच्छे खासे संपादकों को भी भेड़ों का चरवाहा बना देता है टीआरपी का डर
- ‘भूमण्डीकरण के दौर मंें मजदूर आंदोलनों के गतिरोध को तोड़ने के लिए मज़दूर आन्दोलन के नये रूप और रणनीतियाँ ज़रूरी’
- सेहरा से बस्ती में आकर ये भेद खुला, दिल के अंदर भी विराना होता है
- एक शाम गोपाल दास ‘नीरज’ के साथ
- प्रेम : हमारे दौर का सबसे बड़ा संदेह
- काजल कुमार के कार्टून :- पॉज़िटिव थिंकिंग की इन्तेहा
- अखिलेश यादव के लिए बड़ी चुनौती बन रही है बुंदेलखंड की नदियाँ
- क्या उतनी खबरों की जरूरत देश के आम आदमी को है भी?
- संविधान नहीं नवउदारवाद का अभिरक्षक राष्ट्रपति
- शुक्रिया जरदारी
- मामा की सरकार के संरक्षण में हो रहा भ्रष्टाचार !
| अच्छे खासे संपादकों को भी भेड़ों का चरवाहा बना देता है टीआरपी का डर Posted: 27 Jun 2012 08:33 AM PDT भेड़चाल में भी भगदड़ अजय एन झा मीडिया पर अचानक लगाए जा रहे कई तरह के आरोपों में भले ही अतिश्योक्ति की बू आ रही हो मगर उन आरोपों के कुछ बिंदुओं में सच्चाई की सुई भी शामिल है। कई लब्ध प्रतिष्टित विद्वानों तथा चितंकों ने मीडिया और खास कर इलेक्ट्रानिक मीडिया के आक्रामक [...] पूरा आलेख पढने के लिए देखें एवं अपनी प्रतिक्रिया भी दें http://hastakshep.com/ |
| Posted: 27 Jun 2012 08:30 AM PDT प्रेस विज्ञप्ति 'भूमण्डीकरण के दौर मंें मजदूर आंदोलनों के गतिरोध को तोड़ने के लिए मज़दूर आन्दोलन के नये रूप और रणनीतियाँ ज़रूरी' जून 17, 2012, मुम्बई। बुद्धिजीवियों, कार्यकर्ताओें और छात्रें के मंच 'पोलेमिक' ने रविवार को 'भूमण्डलीकरण के दौर में मजदूर आंदोलनः समस्याएँ और चुनौतियाँ' विषय पर बृहनमुम्बई पत्रकार संघ, डी.एन.रोड में एक परिसंवाद का [...] पूरा आलेख पढने के लिए देखें एवं अपनी प्रतिक्रिया भी दें http://hastakshep.com/ |
| सेहरा से बस्ती में आकर ये भेद खुला, दिल के अंदर भी विराना होता है Posted: 27 Jun 2012 07:48 AM PDT अरविन्द श्रीवास्तव साहित्य अकादेमी का विशिष्ट आयोजन: पटना में बहुभाषी कवि सम्मेलन देश विभिन्न भागों से आये बहुभाषाभाषी कवियों की गरिमामय उपस्थित से पटना स्थित ख्रुदा बख़्श ओरियंटल पब्लिक लाइ़ब्रेरी का प्रशाल जगमगा उठा। हिन्दी, पंजाबी, उर्दू, नेपाली, असमिया, मैथिली और संताली भाषा के प्रतिष्ठित कावियों ने अपनी काव्य की रस धारा से पटना में [...] पूरा आलेख पढने के लिए देखें एवं अपनी प्रतिक्रिया भी दें http://hastakshep.com/ |
| एक शाम गोपाल दास ‘नीरज’ के साथ Posted: 27 Jun 2012 07:40 AM PDT समाचार4मीडिया की इस पहल में आप सब सादर आमंत्रित हैं। “शराब करके पिया उसने, ज़हर जीवन भर हमारे शहर में ‘नीरज’ सा कोई मस्त न था” एक शाम गोपाल दास ‘नीरज’ के साथ नीरज हिंदी गीतों की वह थाती हैं जिनके नाम से एक युग को जाना जाता है। गंगा-जमुनी तहज़ीब के वाहक ‘नीरज’ [...] पूरा आलेख पढने के लिए देखें एवं अपनी प्रतिक्रिया भी दें http://hastakshep.com/ |
| प्रेम : हमारे दौर का सबसे बड़ा संदेह Posted: 27 Jun 2012 06:08 AM PDT प्रेम प्रकाश संबंधों के मनमाफिक निबाह को लेकर विकसित हो रही स्वच्छंद मानसिकता और पैरोकारी के ग्लोबल दौर में जिस एक चीज को लेकर सबसे ज्यादा संदेह और विरोध है, वह है प्रेम। इन दो विरोधाभासी स्थितियों को सामने रखकर ही मौजूदा दौर की देशकाल और रचना को समझा जा सकता है। हाल में अखबारों [...] पूरा आलेख पढने के लिए देखें एवं अपनी प्रतिक्रिया भी दें http://hastakshep.com/ |
| काजल कुमार के कार्टून :- पॉज़िटिव थिंकिंग की इन्तेहा Posted: 27 Jun 2012 05:02 AM PDT |
| अखिलेश यादव के लिए बड़ी चुनौती बन रही है बुंदेलखंड की नदियाँ Posted: 27 Jun 2012 02:51 AM PDT अंबरीश कुमार हमीरपुर ,२६ जून । मानसून की शुरुआत के बावजूद बुंदेलखंड की नदियों पर संकट मंडरा रहा है । इस अंचल की जीवन रेखा कहलाने वाली अथाह जलराशि की बेतवा को अब कई जगहों पर साइकिल और मोटर साइकिल से पार किया जा रहा है ।इससे इस अंचल की नदियों पर मंडरा रहे संकट [...] पूरा आलेख पढने के लिए देखें एवं अपनी प्रतिक्रिया भी दें http://hastakshep.com/ |
| क्या उतनी खबरों की जरूरत देश के आम आदमी को है भी? Posted: 27 Jun 2012 02:41 AM PDT डॉ आशीष वशिष्ठ हमारे चारों ओर चौबीस घंटे खबरें तैर रही हैं। सैंकड़ों न्यूज चैनल हमें चौबीस घंटे खबरदार करते और रखते हैं। सबसे पहले, सबसे आगे की दौड़ में इलैक्ट्रानिक मीडिया दिन-रात एक किये रहता है। देश-दुनिया से लेकर गली-मोहल्ले तक की पल-पल की खबर प्रसारित होती रहती हैं। देश-दुनिया में घटने वाली [...] पूरा आलेख पढने के लिए देखें एवं अपनी प्रतिक्रिया भी दें http://hastakshep.com/ |
| संविधान नहीं नवउदारवाद का अभिरक्षक राष्ट्रपति Posted: 27 Jun 2012 02:23 AM PDT प्रेम सिंह एक बार फिर नवउदारवाद पिछली बार की तरह इस बार भी राष्ट्रपति चुनाव लगातार चर्चा का विषय बना हुआ है। राष्ट्र के सर्वोच्च संवैधानिक प्रमुख के चुनाव के अवसर पर चर्चा होना अच्छी बात है। इस अवसर पर चर्चा के कई बिंदु हो सकते है। मसलन, चर्चा में पिछले राष्ट्रपतियों के चुनाव, [...] पूरा आलेख पढने के लिए देखें एवं अपनी प्रतिक्रिया भी दें http://hastakshep.com/ |
| Posted: 26 Jun 2012 09:51 PM PDT पाकिस्तान की जेल में बंद भारतीय सरबजीत की सज़ा-ए-मौत माफ़ करने पर भारतीय प्रेस परिषद् के अध्यक्ष और सर्वोच्च न्यायालय के अवकाशप्राप्त न्यायाधीश जस्टिस मार्कंडेय काटजू ने पाक राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी का शुक्रिया अदा किया है. जस्टिस काटजू लगातार सरबजीत की रिहाई के लिए प्रयासरत रहे हैं और उन्होंने दोनों देशों के बीच मानवीय [...] पूरा आलेख पढने के लिए देखें एवं अपनी प्रतिक्रिया भी दें http://hastakshep.com/ |
| मामा की सरकार के संरक्षण में हो रहा भ्रष्टाचार ! Posted: 26 Jun 2012 09:44 PM PDT मध्य प्रदेश –राज्य सरकार के संरक्षण में मची लूट वीरेन्द्र जैन "कानून अपना काम करेगा" "जब तक अदालत किसी को दोषी नहीं करार देती तब तक वह निर्दोष है" "यह सब बदले की भावना से की जा रही कार्यवाही है" "मूल्यांकन अतिरंजित है" "सम्बन्धितों की व्यापारिक गतिविधियों से हमारा कोई सम्बन्ध नहीं है" जब [...] पूरा आलेख पढने के लिए देखें एवं अपनी प्रतिक्रिया भी दें http://hastakshep.com/ |
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