Sunday, July 1, 2012

राजनैतिक, आर्थिक, संस्कृतिक मुद्दो और आम आदमी के सवालो पर सार्थक हस्तक्षेप Hastakshep.com

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हां मैं इस वक्त यशवंत के साथ खड़ा हूं क्योंकि…….

Posted: 01 Jul 2012 10:48 AM PDT

अमलेन्दु उपाध्याय भड़ास फाॅर मीडिया के संचालक यशवंत सिंह से अपनी कुल जमा ढाई मुलाकात है। ढाई, इस मायने में कि एक मुलाकात एक संगोष्ठी में हुई और उसमें अन्ना आंदोलन को लेकर उनसे लगभग झड़प सी हुई। दूसरी मुलाकात साहित्य अकादमी में एक कार्यक्रम के बाद लंच पर हुई और दोनों ने साथ-साथ खाना [...]

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जिस स्टेट को लगातार लूटा जा रहा हो वो अभी बौद्धिक कैले पैदा कर रही है, रूको दण्ड दिया जाये……

Posted: 01 Jul 2012 10:30 AM PDT

हम भाई यशवंत के साथ हैं अमित पाण्डेय किसी की गिरफ्तारी को यंू तो हम बहूत बड़ा मुद्दा नहीं मानते और न ही उससे बचने की सलाह देते हैं अपन ये बात पूरी निष्ठा के साथ स्वीकार करते हैं कि सच का सामना किया जाये। मुझे जैसे ही यशवंत प्रकरण की खबर मिली दो एक [...]

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अभी मंहगाई की मार कहां पड़ी है?

Posted: 01 Jul 2012 05:15 AM PDT

गैर राजनीतिक गैर​ संवैधानिक जिस बेरहम टोली ने अर्थव्यवस्था की कमान संभाली है, वह इतनी धुलाई करने वाली है कि आप सर्फ एक्सेल की करामात भूल जायेंगे! एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास आखिर भारत सरकार किसकी सरकार है? लोग समझते हैं, यह उनके वोट से चुनी हुई सरकार है। पर वे कितनी गलतफहमी में हैं, इसका उन्हें [...]

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दो जून की घटना से सरकार से ज्यादा बिहार की छवि को धक्का लगा है

Posted: 01 Jul 2012 04:37 AM PDT

वर्ष 2012 का दो जून बिहार के इतिहास में एक ''दहशत भरे काले दिन'' की तरह याद किया जायेगा। बिहार की राजधानी पटना को कुछ घंटों के लिए बलवाइयों के हवाले सुपुर्द कर दिया गया था। रणवीर सेना के संस्थापक-प्रमुख 277 मनुष्यों की हत्या के अभियुक्त बह्मेश्वर सिंह की लाश को रणवीर समर्थक कंधे पर [...]

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भारत में लोकतंत्र है लेकिन लोकतांत्रिक सामाजिक जीवन संबंधों का अभाव है

Posted: 01 Jul 2012 04:05 AM PDT

मानवाधिकार के ग्लोबल पैराडाइम के अंतर्विरोध डा जगदीश्वर चतुर्वेदी लोकतंत्र की मानवाधिकारों के बिना कल्पना असंभव है। भारत में लोकतंत्र पर बातें होती हैं लेकिन मानवाधिकार के परिप्रेक्ष्य में बातें नहीं होतीं। हमारे यहां का अधिकांश लेखन संवैधानिक नजरिए और उसके विकल्प के वाम-दक्षिण दृष्टियों के बौद्धिक विभाजन या दलीय वर्गीकरण में बंटा है।इसके अलावा [...]

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हम साथ हैं यशवंत

Posted: 30 Jun 2012 11:02 PM PDT

वेब मीडिया के पाठकों के लिए एक बुरी खबर है. ‘भड़ास4मीडिया’ के मालिक, संपादक यशवंत सिंह को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. उन पर रंगदारी के लिए धमकाने और जान से मरने की धमकी देने जैसे कई कई संगीन आरोप हैं. गिरफ्तार उन्हें नोयडा पुलिस ने किया है. बताया जाता है कि उनके खिलाफ [...]

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यूपी को गुजरात के नक्शे कदम पर ले जाना चाहती है सपा

Posted: 30 Jun 2012 04:25 AM PDT

विधान सभा पर हुआ वादा निभाओ धरना बेगुनाह मुस्लिम युवकों छोड़ने के चुनावी वादों को पूरा करने की उठी मांग लखनऊ। 30 जून 2012। सपा सरकार के वादे को याद दिलाते हुए विधान सभा पर विशाल धरने का आयोजन किया गया. इस अवसर पर सैकड़ों की संख्या में लोग पहुंचे इसके अलावा मानवाधिकार नेताओं,कार्यकर्ताओं और [...]

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इंटरनेट पर पाबंदी के खिलाफ खड़े हुए मीडियाकर्मी

Posted: 30 Jun 2012 03:47 AM PDT

इंटरनेट पर सेंसरशिप और ऑनलाइन मीडिया के भविष्य पर बड़ी बहस मीडिया से जुड़े लोगों ने ऑनलाइन मीडिया को नियंत्रित करने के सरकार के प्रयास की आलोचना की और आगाह किया कि जल्दबाजी में ऐसा कोई कदम नहीं उठाया जाए. नोएडा में बुधवार 27 जून को आयोजित 'एस पी सिंह स्मृति समारोह 2012' में मौजूद [...]

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अब वफ़ा की उम्मीद भी किस से करें भला ? मिटटी के बने लोग है, कागजों में बिक जाते हैं…

Posted: 29 Jun 2012 10:00 PM PDT

भकुआ का भौकाल अजय एन झा  पत्रकारिता की बदलती चौहद्दी और रकवा के साथ साथ आज कल उसमे कई नए शब्द भी जोड़ दिए गए हैं जिनका प्रयोग खास वजह से, खास मौके पर और खास लोगों के लिए किया जाने लगा है.  एक बार भाजपा के किसी वयोवृद्ध नेता ने  पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल [...]

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कसाब तो बिरयानी ही खायेगा!

Posted: 29 Jun 2012 08:52 PM PDT

रणधीर सिंह सुमन कुछ मजबूरियां रही होंगी वर्ना हम बेवफा नहीं होते स्वतन्त्र राष्ट्रों की कुछ मजबूरियां होती हैं। उनके हित होते हैं. अपने को सर्वोच्च साबित करने के लिए एक दूसरे के खिलाफ षड़यंत्र भी करते रहते हैं. षड़यंत्र या कूटनीति संसद या विधानसभाओ में या मीडिया में प्रचारित करके नहीं होती है लेकिन [...]

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