Saturday, July 28, 2012

राजनैतिक, आर्थिक, संस्कृतिक मुद्दो और आम आदमी के सवालो पर सार्थक हस्तक्षेप Hastakshep.com

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जैविक पिता और लांछित पिता की त्रासदी

Posted: 28 Jul 2012 07:54 AM PDT

दयानंद पाण्डेय सोचिए कि कर्ण को जब पता चला होगा कि सूर्य उस के नाज़ायज़ पिता हैं तो क्या कर्ण ने भी कभी मांग की होगी सूर्य से कि अपनी रोशनी और अपनी आग मुझे भी दे दो नहीं मैं तुम्हें बदनाम कर दूंगा? खैर, नारायणदत्त तिवारी अब रोहित शेखर के प्रमाणित पिता हो गए [...]

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तो क्या सामाजिक न्याय की आंच में सहिष्णुता स्वाहा हो गई है?

Posted: 28 Jul 2012 03:04 AM PDT

दयानंद पाण्डेय तो क्या सामाजिक न्याय की हद अब इतना आगे बढ़ चुकी है, इतना विस्तार पा चुकी है कि सहिष्णुता आदि अब बीते दिनों की बात हो चली है? सामाजिक न्याय की आंच में सहिष्णुता स्वाहा हो गई है? यहां बात मायावती की मूर्ति तोड़ने को ले कर अफ़रा-तफ़री को ले कर है। अगर [...]

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अन्ना को सरकारों ने नहीं जनता ने हराया है

Posted: 28 Jul 2012 12:56 AM PDT

अशोक कुमार पाण्डेय आज अलग-अलग अखबारों में अन्ना दुर्गति आख्यान पढ़ रहा था. जब हम यही सारी बातें कह रहे थे कि उनका रवैया अधिनायकवादी है, कि जो लोग सडक पर आये हैं उनकी लम्बे संघर्ष की कोई तैयारी नहीं है, कि यह मीडिया की निर्मिति है, कि इनके साथ जनता नहीं, मध्यवर्ग का एक [...]

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आईबी भी कूदी रेल विभाग के दिग्‍गजों की लडाई में

Posted: 27 Jul 2012 11:30 PM PDT

    मार्कण्‍डेय पाण्‍डेय रेल विभाग के दो दिग्‍गजों की आपसी लडाई में देश की खुफिया एजेंसी इंटेलिजेंस ब्‍यूरो भी कूद गई है। एक तरफ आल इंडिया आरपीएफ एसोसियेशन के अखिल भारतीय महासचिव यूएस झा हैं तो दूसरी तरफ आरपीएफ के महानिदेशक रंजीत सिन्‍हा। इन दोनों की खीचतान में आईबी ने आरपीएफ में मौजूद कर्मचारी यूनियन [...]

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पेट की आग बुझाने की खातिर महीनों से ईंट के भट्टे के तपिश में खुद को जला रही है एशियन गेम्स की सिल्वर मेंडल विजेता

Posted: 27 Jul 2012 10:30 PM PDT

न यह देश अफ्रीका है और न आप सीमेन्या अब्दुल रशीद (सिंगरौली मध्य प्रदेश) क्या इंसानियत इतनी भर ही बची है कि महज जेंडर टेस्ट में पास या फेल होने के आधार पर किसी को उसके मूलभूत आधिकार से ही वंचित कर दिया जाए। ऐसा होना नियति नहीं बल्कि अमानवीय, संवेदनहीन व्यवस्था का परिणाम है। [...]

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व्यवस्था निकहत को फसीह से मिलने का मौका देगी?

Posted: 27 Jul 2012 09:42 PM PDT

राजीव यादव     दो महीने से भी ज्यादा लंबे इतंजार के बाद आज निकहत परवीन ने अपने पति फसीह महमूद से मिलने के लिए सउदी सरकार से प्रार्थना की कि उसे यात्रा वीजा दिया जाय। 13 मई 2012 को सउदी से फसीह के उठाए जाने के बाद निकहत के जीवन में शुरु हुए इस बवंडर [...]

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मेरा दोस्त जिसने हर क़दम पर जीत के निशान छोड़े हैं

Posted: 27 Jul 2012 09:09 PM PDT

शेष नारायण सिंह आज एक दोस्त के बारे में लिख रहा हूँ. २८ जुलाई उसका जन्मदिन है. सुल्तानपुर जिले के एक गाँव से मुंबई जाकर इस लड़के ने उद्यमिता की जो बुलंदियां तय की हैं वह निश्चित रूप से गैरमामूली हैं. हालांकि हम एक ही जिले एक रहने वाले हैं लेकिन हमारी मुलाक़ात १९६७ में [...]

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