Hastakshep.com पर आज के ताज़ा आलेख और समाचार |
- मुसलमानों का मोदी बनने का प्रयास कर रहे ओबैसी के खिलाफ मोर्चा खोला शबनम हाशमी ने
- दिल्ली पुलिस की ”हेल्पलाइनों” की कड़वी असलियत – एक अनुभव
- सज़ा ही नहीं ख़ौफ़ भी बढ़ाये जस्टिम वर्मा कमेटी
- कब तक सत्ताएं बनी रहेंगी इतनी ही क्रूर और संवेदनहीन?
- क्या पूँजी और सत्ता को नपुंसक बनाने का कोई रसायन ईजाद हो गया है?
- क्या भारतीय महिलाओं के हित में है समान नागरिक संहिता का नारा ?
- Claiming Dignity and Equal Rights to City, Thousands of Mumbaikars March towards Mantralaya
मुसलमानों का मोदी बनने का प्रयास कर रहे ओबैसी के खिलाफ मोर्चा खोला शबनम हाशमी ने Posted: 02 Jan 2013 05:32 AM PST ऩई दिल्ली। गुजरात के नरेन्द्र मोदी के खिलाफ मोर्चा लेती रहीं सामाजिक कार्यकर्ता शबनम हाशमी ने मुसलमानों के मोदी बनने का प्रयास करने वाले इत्तेहादुल मुसलमीन के विधायक अकबरउद्दीन ओवैसी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। अकबरउद्दीन ओवैसी पर आरोप है कि अदिलाबाद जिले के निर्मल टाउन में एक सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने [...] पूरा आलेख पढने के लिए देखें एवं अपनी प्रतिक्रिया भी दें http://hastakshep.com/ |
दिल्ली पुलिस की ”हेल्पलाइनों” की कड़वी असलियत – एक अनुभव Posted: 02 Jan 2013 02:45 AM PST दिल्ली के बर्बर इस क़दर बेख़ौफ़ क्यों? दिल्ली पुलिस की ”हेल्पलाइनों” की कड़वी असलियत – एक अनुभव - कविता कोई भी यह उम्मीद करेगा कि 16 दिसंबर के गैंगरेप की बर्बर घटना और उसके बाद उमड़े जनआक्रोश के कारण कम से कम कुछ समय तक तो पुलिस और सरकारी मशीनरी थोड़ी संवेदनशील और चुस्त-सतर्क रहेगी। [...] पूरा आलेख पढने के लिए देखें एवं अपनी प्रतिक्रिया भी दें http://hastakshep.com/ |
सज़ा ही नहीं ख़ौफ़ भी बढ़ाये जस्टिम वर्मा कमेटी Posted: 02 Jan 2013 02:35 AM PST मुकेश कुमार सिंह बहस छिड़ी है कि बलात्कारी के लिए क़ानून को सख़्त कैसे बनाया जाए? कितना सख़्त मुनासिब होगा? कैसे लागू होगा सख़्त कानून? इस सवालों के उत्तर मुश्किल नहीं हैं। बशर्ते, हम अपवादों या दुरुपयोग की दलीलों को दरकिनार करके सख़्ती के फ़ायदों पर ही फोकस करें। इसे समझना आसान हो सकता है। [...] पूरा आलेख पढने के लिए देखें एवं अपनी प्रतिक्रिया भी दें http://hastakshep.com/ |
कब तक सत्ताएं बनी रहेंगी इतनी ही क्रूर और संवेदनहीन? Posted: 01 Jan 2013 10:49 PM PST मोहन श्रोत्रिय नए साल के पास ऐसा होगा ही क्या … अनागत कुछ ज़्यादा ही उम्मीदें जगाता है… गुज़रे कल के और आज के अनुभव जन्म देते हैं आशंकाओं को बढ़ाते हैं भय को भी बेशक. रात कितनी भी लंबी हो दुख की चाहे अंधेरी हो कितनी ही भोर की प्रतीक्षा रहती ही है [...] पूरा आलेख पढने के लिए देखें एवं अपनी प्रतिक्रिया भी दें http://hastakshep.com/ |
क्या पूँजी और सत्ता को नपुंसक बनाने का कोई रसायन ईजाद हो गया है? Posted: 01 Jan 2013 10:33 PM PST अगर न्याय नहीं दिला सकता मौजूदा कानून तो और सख्त कानून किस काम का? क्या समता और सामाजिक न्याय के बिना कानून का राज संभव है ?…और लिंग-भेद का क्या कानून बनाने से क्या यौन उत्पीड़न रुक जायेगा? फतवे बंद होंगे?खाप पंचायतें खत्म हो जायेंगी? सम्मान के लिए हत्याएं नहीं होंगी ?रुक जायेंगी भ्रूण हत्याएं? [...] पूरा आलेख पढने के लिए देखें एवं अपनी प्रतिक्रिया भी दें http://hastakshep.com/ |
क्या भारतीय महिलाओं के हित में है समान नागरिक संहिता का नारा ? Posted: 01 Jan 2013 10:02 PM PST एकसमान नागरिक संहिता बनाम स्त्री नवउदारवाद और ढाँचागत समायोजन की प्रक्रिया ने स्त्री-मुक्ति का छद्म निर्मित किया है विजया सिंह संवैधानिक तंत्र में कई संरचनागत खामियों और मौजूदा कानूनों के क्रियान्वयन के अभाव ने भारतीय स्त्री को अपाहिज बनाए रखा है। उसके पास वह बुनियादी ढाँचा ही नहीं है जहाँ वे अपनी शक्ति का स्वयं [...] पूरा आलेख पढने के लिए देखें एवं अपनी प्रतिक्रिया भी दें http://hastakshep.com/ |
Claiming Dignity and Equal Rights to City, Thousands of Mumbaikars March towards Mantralaya Posted: 01 Jan 2013 06:49 AM PST Mumbai, As everyone was greeting happy New Year, Mumbai witnessed a storm of working class people under the leadership of Medha Patkar, Ghar Bachao Ghar Banao Andolan – NAPM, marchd on the streets for land, housing rights, dignity and an equal right to the city. A renewed struggle against Land Scam involving corrupt builders, illegal [...] पूरा आलेख पढने के लिए देखें एवं अपनी प्रतिक्रिया भी दें http://hastakshep.com/ |
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