Thursday, February 7, 2013

एक संस्कृत बीज से ७८ अंग्रेज़ी शब्द!

                                 एक संस्कृत बीज से ७८ अंग्रेज़ी शब्द!

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डॉ. मधुसूदन

mjhaveri@umassd.edu;

 

एक: अभागा(?) भारत

संसार का, कोई भी देश, भाषा की दृष्टि से भारत जैसा भाग्यवान नहीं है; पर साथ-साथ यह भी जान ले कि संसार का कोई भी देश भारत जैसा अभागा भी नहीं है, मानसिक गुलाम नहीं है, मतिभ्रमित नहीं है, हीन ग्रंथि से पीडित नहीं है, और पश्चिमी रंग में रँगा नहीं है। हम केवल आर्थिक दृष्टि से ही भ्रष्ट नहीं है, हमारी बुद्धि भी भ्रष्ट हो चुकी है। हम मूर्ख है, पागल है, इतने पागल कि, उसी पागलपन को बुद्धिमानी मानते हैं; और विवेकानंद जी के शब्दो में, उस पागलपन से छुडवाने के लिए हमें जो दवा पिलाने आता है, उसी को हम थप्पड मारते हैं।

दो:जापान, इज़्राएल, चीन

जिसके पास कठिनातिकठिन चित्रमय भाषा है, वह जापान हमसे आगे है, जहाँ संसार भर के ३६ देशों से, अलग अलग भाषी लोग आकर बसे हैं, वह इसराएल भी, हम से आगे हैं। हिब्रु जानने से ही वहाँ नौकरी मिलती है। अब चीन भी हमसे आगे ही जा रहा है, आज कल ब्रह्मपुत्रा पर बांध जो बना रहा है।

क्या भारत दुबारा परतंत्र हो जाएगा?

पर सच में, वैसे, अब भी हम स्वतंत्र कहाँ है?

तीन: Hebrew: If you speak it the jobs will come

Central Bureau of Statistics

According to data from the Central Bureau of Statistics, employment figures rise according to one's level of Hebrew • 27 percent of the population struggle to fill out forms or write official letters in Hebrew • 36 languages spoken in Israel.

चार: अंग्रेज़ी से अभिभूत गुलाम

अंग्रेज़ी से अभिभूत गुलाम भारतीयों की हीनता ग्रंथि पर प्रहार करने की दृष्टिसे आज का आलेख लिखा गया है। जब वे जानेंगे कि ७० से भी अधिक अंग्रेज़ी के शब्द हमारे केवल एक ही धातु से निकले हैं, तो शायद उनकी हीनता की गठ्ठन ढीली होना प्रारंभ हो। ऐसे हमारे २०१२ धातु है। उनमें से, प्रायः ५०० से ७०० पर्याप्त उपयोगी है। ४ धातुओं पर ४ शब्द वृक्ष, नामक आलेख, इसी प्रवक्ता में, पहले ही डाल चुका हूँ।

पाँच:आज का धातु "स्था"

वैसे सोचते सोचते कई धातु सामने आ जाते हैं, जिनका संचार अंग्रेज़ी भाषा में सहज दिखता है।वैसे अन्य युरोपीय भाषाओं में भी होगा ही, पर मुझे अन्य भाषाओं का ज्ञान विशेष नहीं है। आज एक ही धातु-बीज "स्था" लेते हैं, और उसका अंग्रेज़ी पर कितना गहरा प्रभाव है, वो देखने का प्रयास करते हैं।

छः स्था (१ उ. ) तिष्ठति-ते, के १६ अर्थ

१ खडा होना,

२ ठहरना, डटे रहना, बसना, रहना,

३ शेष बचना,

४ विलम्ब करना, प्रतीक्षा करना,

५ रूकना, उपरत होना, निश्चेष्ट होना,

६ एक ओर रह जाना

७ होना, विद्यमान होना, किसी भी स्थिति में होना

८ डटे रहना, आज्ञा मानना, अनुरूप होना

९. प्रतिबद्ध होना

१० निकट होना,

११ जीवित रहना, सांस लेना

१२ साथ देना, सहायता करना,

१३ आश्रित होना, निर्भर होना

१४ करना, अनुष्ठान करना, अपने आपको व्यस्त करना

१५ सहारा लेना, मध्यस्थ मान कर उसके पास जाना, मार्ग दर्शन पाना

१६ (सुरतालिंगन के लिए) प्रस्तुत करना, उपस्थित होना

सात: अर्थ विस्तार की प्रक्रिया।

स्था तिष्ठति —->का साधारण अर्थ है,खडा रहना–>एक जगह खडा रहने के लिए स्थिरता की आवश्यकता होने से,—> स्थिर रहना भी अर्थ में जुड गया। उसके लिए फिर परिश्रम पूर्वक–> डटे रहना भी अपेक्षित है। इसी प्रकार डटे रहने से आखिर तक—> बचे रहने का भी भाव जुड गया।—>प्रतीक्षा करने के लिए भी खडा रहना पडता है। साथ में—->विलम्ब करना तो साथ ही जुडा। ऐसे ही सोचते सोचते सभी अर्थ निष्पादित हो जाते हैं।

वास्तव में उपर्युक्त १६ अर्थ तो संस्कृत के शब्दकोषों में ही दिए गए हैं।

आँठ: निम्न अंग्रेज़ी शब्दों के उदाहरण

निम्न अंग्रेज़ी के उदाहरण देखिए। स्थ का st बन चुका है। रोमन लिपि में थ तो है नहीं, इस लिए उच्चारण स्थ से स्ट बना होगा, ऐसा तर्क असंगत नहीं है।

निम्न प्रत्येक शब्द में ST देखिए, और उनके साथ उपर्युक्त १६ में से जुडा हुआ, कोई न कोई अर्थ देखिए।

(१) Stable स्थिर

(२))-Stake=खूंटा जो स्थिर रहता है, अपनी जगह छोडता नहीं।

(३) Stack =थप्पी, ढेर एक जगह पर लगाई जाती है।

(४) Stage =मंच जो एक जगह पर स्थिर बनाया गया है।

(५) Stability स्थिरता

(६) Stackable = एक जगह पर ढेर, थप्पी, राशि.

(७) Stagnancy= रुकाव, अटकाव, (स्थिरता से जुडा अर्थ)

(८) Stagnate = एक जगह स्थिर रोक रखना।

(९) Stageable =स्थित मंच पर मंचन योग्य

(१०)stager= मंच पर अभिनय करने वाले।

(११)Stabilize स्थिरीकरण

(१२)Stand= एक जगह बनाया हुआ मंच,

(१३) Stadium= एक जगह का, क्रीडांगण ,

(१४)Stillroom= रसोई के साथ छोटा रसोई की सामग्री संग्रह करने का कक्ष।

(१५)State= विशेष निश्चित भूमि (राज्य)

(१६) Street= गली, जो विशेष स्थायी पता रखती है।

(१७)Stand= स्थिर रूपमें सीधा खडा रहना। स्थापित होना, टिकना, एक स्थान पर खडा होना।

(१८) Standards= स्थापित शाश्वत आदर्श मापदंड

(१९) Staid स्थिर, गम्भीर,

(२०) Stalwart = दृढ समर्थक, अटल, न डिगनेवाला।

(२१) Stair= सीढियाँ (जो अपनी जगह पर ही स्थिर रहती है)

(२२)Stalemate= गतिरोध, जो अडा हुआ है।

(२३)Staleness = रह रह कर बासी हो चुका, पुराना बचा हुआ,

(२४) Star= स्थिर तारा प्रकाश देनेवाला।

(२५) Stare= स्थिर दृष्टि से देखना।

(२६)Startle = चौंकना, स्तम्भित होना, स्तब्ध होना।

(२७) Stick = लकडी जो खडी भी रखी जाती है। स्थापित करना, डंडा,

(२८) Steel =लोहा. जो कडा होता है।

(२९) Stone =पत्थर जो कडा ही होता है।

(३०) Stop =एक जगह रुकना।

(३१) Stump =क्रिकेट में जो ३ लकडियाँ, भूमि में गाडकर खडी की जाती है।

(३२) Stud =दिवाल में खडी कर के चुनवाई गयी लकडी।

(३३)Strut= नाटा खंबा।

(३४) Strong= बलवान।

(३५) Statics = स्थिर खडी वस्तुओं का अध्ययन विष।

(३६) Statistics = स्थिर मूल्य रखने के कारण अंक का शास्त्र।

(३७) Station = एक जगह स्थिर अड्डा, रेल गाडी का रुकनेका स्थान।

(३८) Steady =बिना हलन चलन स्थिर।

(३९) Stiff =कडा (स्थिरता के लिए आवश्यक )

(४०) Still= न हिलने वाला, स्थिर, अचल ।

(४१) Statue =एक जगह पर खडी मूर्ति

(४२) Stock = जो जथ्था संभाल कर रखा गया हो।

(४३)Strict= कडा. कडक, पक्का,

(४४) Stoic= स्थिर दार्शनिक वृत्ति (स्थित प्रज्ञता)

(४५) Store= स्थान या कक्ष जहाँ वस्तुएं सुरक्षित रखी जाती है।

(४६) Sturdy=टिकाउ, बहुत समय तक स्थायी।

(४७) Stamp=ठप्पा, जो विशिष्ट जगह मारा जाता है।

(४८) Stout= पक्का, अक्कड, ना डिगनेवाला स्थिर।

(४९) Staple= कागज को जोडकर ्पक्की पकड रखने वाला।

(५०) Stalk= कडापन, अकड, डाली,

(५१) Stanchion= खंभा, (जो जगह पर स्थिर है)

(५२) Steadfast= स्थिर, अविचल, पक्का।

(५३) Statue = मूर्ति, एक स्थित वस्तु।

(५४) status=सामाजिक स्थिति, स्तर, पदवी,

(५५)Stemmatic=जड, तना, धातु, डंठल

(५६) Stigma= कलंक, क्षत चिह्न (जो सदा के लिए लग जाता है)

(५७)Stockade= लकडियों की बाड, या घेरा।

(५८)Stibnite= एक मृदु खनिज।

(५९) Steward= नियुक्त (स्थायी)प्रबंधक, वायुयान(स्थायी) परिचारक,

(६०) Stationary= स्थिर, स्थानबद्ध, ठहरा हुआ, अपरिवर्तित,

(६१) stool= तिपाई, (बैठने में, सहारा देता है।

(६२)Stickler= आग्रही, स्थापित करना, चिपकाना, डंडा,

(६३)Sticker=चिपकू, चिपक कर सहारा लेता है।

(६४) Stiffener= कड़क बनानेवाला,

(६५)Stub= ठूँठ, (छोटा खूँटा)

(६६) Stubble= खूँटी

(६७) Stubborn= हठीला, अटल, जिद्दी, ढीठ,

(६८)Stopcocks= पानी रोकने की नल की टोटी, रोधनी,

(६९)Strength= शक्ति, टिके रहने का गुण,

(७०)Stock= भंडार, जो एक जगह रखा जाए,

(७१)Stench= बहुत समय से खाद्य वस्तु, और जल इत्यादि एक जगह पर ही रखा जाने के कारण दुर्गंध।

(७२)Stowage= सामान रखने की जगह, उसकी कीमत,

(७३)Structure= निर्माण, संरचना, गठन,

(७४)Stricture= बाध्यता, नियम,

(७५) Striation= (एक निश्चित स्थिर मर्यादा) सीमा रेखा,

(७६) Stupa = बुद्ध धर्मी गुंबज वाला प्रार्थना स्थल।

(७७)Standpipe= खड़ी नली या पाईप।

(७८) Stoplight= याता यात को रोकने की सूचक बत्ती।

सूचना:

आलेख सीमित रखने में हिंदी के शब्द काट डाले हैं।

कुछ प्रश्न आये हैं, कि इन आलेखों का आधार क्या है?

सविनय, इनका आधार है, निरुक्त के ३ सिद्धान्त।

लेखक परिचय

 

मधुसूदनजी तकनीकी (Engineering) में एम.एस. तथा पी.एच.डी. की उपाधियाँ प्राप्त् की है, भारतीय अमेरिकी शोधकर्ता के रूप में मशहूर है, हिन्दी के प्रखर पुरस्कर्ता: संस्कृत, हिन्दी, मराठी, गुजराती के अभ्यासी, अनेक संस्थाओं से जुडे हुए। अंतर्राष्ट्रीय हिंदी समिति (अमरिका) आजीवन सदस्य हैं; वर्तमान में अमेरिका की प्रतिष्ठित संस्‍था UNIVERSITY OF MASSACHUSETTS (युनिवर्सीटी ऑफ मॅसाच्युसेटस, निर्माण अभियांत्रिकी), में प्रोफेसर हैं।

February 5, 2013 at 11:21 pm

एक और तथ्य दृष्टव्य है जिसके आधार पर भारत से बाहर अनेक वि.विद्यालयों ने संस्कृत का अध्ययन शुरू कर दिया है अंग्रेज़ी पढ़ने से दिमाग़ के एक ओर का भाग ही सक्रिय होता है और संस्कृत तथा हिन्दी से दोनों ओर का,इसके और भी अनेक लाभ है. लेकिन जब मति ही भ्रष्ट हो जाए तो सही और तर्क-संगत बात भी लोग सुनना-समझना नहीं चाहते. झवेरी जी, आपके इन आँख खोलनेवाले लेखों का असर
हमारे नीति-निर्धारकों पर पड़े ,यही मनाती हूँ !

  • shivesh pratap singh says:

February 5, 2013 at 5:25 pm

it is an awesome article like always…….very much knowledgeable and scientific.
this article may be helpful for those bhartiyas who only pamper on the western culture.

February 4, 2013 at 11:51 pm

डॉ. मधुसूदन जी के अन्य सभी आलेखों के समान ही यह आलेख भी एक उत्कृष्ट दस्तावेज है।
प्रमाण सहित , तथ्यपरक आलेख अंग्रेज़ी को ही सर्वाधिक महत्त्व देने और हिन्दी की अवहेलना
करने वालों की आँखें खोलने वाला है। संस्कृत की एक ही धातु से ग्रहण किये गए अंग्रेज़ी शब्दों की शृँखला तो चौंकानेवाली है। समय और परिश्रमसाध्य जन-जागृति के इस यज्ञ में मधुसूदन जी निरन्तर आहुतियाँ डालते हुए विद्वद्वर मधुसूदन जी प्रशंसनीय प्रयत्नों में निरन्तर संलग्न हैं । उनके ज्ञान की गहराई और व्यापकता अभिभूत करने वाली है।।

  • sanjay patel says:

February 4, 2013 at 9:58 pm

श्री मधुसुदन जी नमस्कार मैँ आपसे जब से जुड़ा हुँ हमेशा देशप्रेम की प्रेरणा मिलती है। मैँ एक भारतीय राष्ट्रवाद का समर्थक हुँ मुझे भारतीय भाषाओँ मेँ बड़ी रुचि है पर पता नहीँ क्योँ स्कुल के समय से ही अंग्रेजी पसंद ही नही आती क्योँकि ईसमेँ कुछ का कुछ पढ़ा लिखा जाता है और शब्दोँ के क्रम भी गड़बड़। जबकि भारतीय भाषाओँ का तरीका एक जैसा होता है इनका अनुवाद भी आसान होता है। और मैँ प्रबल स्वदेशी का समर्थक भी हुँ पर आई टी इंजिनियरिँग की पढाई किया हुँ तो अंग्रेजी मेँ कमजोर होने के कारण जॉब नही लग पाया पर मुझे तो जॉब के लिए इसे जानना ही पड़ेगा। ये मेरी मजबूरी है। लोग कहेँगे कि सँकीर्ण सोच का है मैँ उनसे कहुँगा कि भाषा सब सिखो पर अपने मातृभाषा को कभी मत त्यागो।

February 5, 2013 at 5:48 am

प्रिय संजय।
अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ सकता।
(
१)भारत नेतृत्व की गलतियों का ऋण चुका रहा है। आप अपवाद नहीं है।

===>अंग्रेज़ी जो अवनति का कारण, उसे भारत उन्नति का कारण मानता है।<====

(२)कुछ भाषा परम्पराएँ दृढ हो जानेपर आप अपनी मनचाही रीति से जी नहीं सकते।
वयक्तिक स्वतंत्रता सीमित होती है। रोटी रोजी के लिए जितनी भी आवश्यक अंग्रेज़ी है, वह, सीखी जाए, जब तक सार्वजनिक प्रणाली बदल नहीं जाती।
(
३)पर हम (आप) पर एक बडे उत्तरदायित्व का भार है। वह यह,कि जितना प्रयास आप अंग्रेज़ी सीखने के लिए करेंगे, उतना ही आप को हिंदी और संस्कृत को सीखने में करना होगा।संस्कृत से ही हिंदी में चार चाँद लग जाएंगे।
(
४)आप देखेंगे कि जब आप एक ध्येय से प्रेरित होंगे , शक्ति आ जाएगी, और आप ऐसे आगे बढेंगे जिसकी कल्पना भी शायद कोई कर पाएं।
और जब आप अपने पुरूषार्थ में ही आनंद उठाना सीख जाएंगे। तो दैनिक व्यवहार ही आपको जीवन का आनंद देता रहेगा, और फिर अन्य मनोरंजन की आवश्यकता ही न्यूनमात्र हो जाएगी।
भाषा बदलाव की प्रक्रिया शासक और शिक्षा प्रणाली की ओरसे क्रियान्वयित होनी चाहिए।
यहाँ, अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ सकता।
जापान और इज़राएल दोनों का अनुभव भारत को काम आएगा।
विवेकानंद की "थॉट्स ऑफ पावर" पढें।

जापान किसी भी नवीन आविष्कार या तान्त्रिकी पुस्तक का अनुवाद उसके छपने के पश्चात तुरंत ३ सप्ताह में छापकर मूल पुस्तक से भी काफी सस्ते मूल्य पर बेचता है।
अंग्रेज़ी, फ़्रांसिसी, जर्मन, रूसी प्रत्येक के अनुवादक जापान में हैं।
प्रिय संजय।
अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ सकता।

(१) भारत नेतृत्व की गलतियों का ऋण चुका रहा है। आप अपवाद नहीं है।
अंग्रेज़ी अवनति का कारण, उसे भारत उन्नति का कारण मानता है।

(२) कुछ भाषा परम्पराएँ दृढ हो जानेपर आप अपनी मनचाही रीति से जी नहीं सकते।
वयक्तिक स्वतंत्रता सीमित होती है। रोटी रोजी के लिए जितनी भी आवश्यक अंग्रेज़ी है, वह, सीखी जाए, जब तक सार्वजनिक प्रणाली बदल नहीं जाती।
(
३) पर हम (आप) पर एक बडे उत्तरदायित्व का भार है। वह यह,कि जितना प्रयास आप अंग्रेज़ी सीखने के लिए करेंगे, उतना ही आप को हिंदी और संस्कृत को सीखने में करना होगा।संस्कृत से ही हिंदी में चार चाँद लग जाएंगे।
(
४)आप देखेंगे कि जब आप एक ध्येय से प्रेरित होंगे , शक्ति आ जाएगी, और आप ऐसे आगे बढेंगे जिसकी कल्पना भी शायद कोई कर पाएं।
(
५)और जब आप अपने पुरूषार्थ में ही आनंद उठाना सीख जाएंगे। तो दैनिक व्यवहार ही आपको जीवन का आनंद देता रहेगा, और फिर अन्य मनोरंजन की आवश्यकता ही न्यूनमात्र हो जाएगी।
(
६)भाषा बदलाव की प्रक्रिया शासक और शिक्षा प्रणाली की ओरसे क्रियान्वयित होनी चाहिए। अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ सकता।
जापान और इज़राएल दोनों का अनुभव भारत को काम आएगा।
विवेकानंद की "थॉट्स ऑफ पावर" पढें।
(
७) जापान किसी भी नवीन आविष्कार या तान्त्रिकी पुस्तक का अनुवाद उसके छपने के पश्चात तुरंत ३ सप्ताह में छापकर मूल पुस्तक से भी काफी सस्ते मूल्य पर बेचता है।
अंग्रेज़ी, फ़्रांसिसी, जर्मन, रूसी प्रत्येक के अनुवादक जापान में हैं।
आशीष

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