Monday, February 11, 2013

Hastakshep.com पर आज के ताज़ा आलेख और समाचार

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न तो कोई अनहोनी है और न अवांछित वेलेन्टाइन डे मनाना

Posted: 11 Feb 2013 02:52 AM PST

 मुश्किल यह है कि भारतीय समाज न तो पुरानी रूढ़ियों को पूरी तरह तोड़ पा रहा है और न जमाने के साथ कदम मिलाकर चलने के लिए पूरी तरह साहस जुटा पा रहा है।

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अफज़ल गुरू को फांसी ने बढ़ा दी भाजपा की बेचैनी

Posted: 11 Feb 2013 02:30 AM PST

कसाब और अफज़ल गुरू को फाँसी देकर कांग्रेस ने भाजपा के उन्माद पैदा करने वाले दो आईकॉन छीन लिए हैं।

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Is Yechuri’s statement official stand of CPI (M) on Afzal Guru?

Posted: 11 Feb 2013 12:28 AM PST

Is it just Com. Yechury trying to 'appease the national conscience' and joining the UPA in harnessing the 'Hindu vote'?"

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देखो “बांग्ला देश” जाग रहा है भारत को फिर कुछ सिखा रहा है

Posted: 10 Feb 2013 08:48 PM PST

मानवताविरोधी मज़हबी जनूनी ताकतों को भी इस बात का अहसास होना चाहिए कि जिस दिन कौमें जाग जाती हैं तब वह अपने मुजरिमों की कब्रें खोद कर भी इन्साफ लेना जानती हैं। आज नहीं तो कल भारत जैसी कितनी भी गहरी निद्रा में सोया हुआ राष्ट्र हो, वह जागेगा जरूर

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सत्य और अहिंसा के दार्शनिक गान्धी की विरासत कब्जाने में जुटीं फासिस्ट जमातें

Posted: 10 Feb 2013 08:25 PM PST

वास्तव में 1925 से लेकर 1947 तक आरएसएस को अंग्रेजों के सहयोगी के रूप में देखा जाता है। शायद इसीलिये जब 1942 में भारत छोड़ो का नारा देने के बाद देश के सभी नेता जेलों में ठूँस दिए गये थे तो आरएसएस के सरसंघचालक एम एस गोलवलकर सहित उनके सभी नेता जेलों के बाहर थे और अँगरेज़ अफसरों की कृपा से अपना सांस्कृतिक काम चला रहे थे।

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इस्लाम और संगीत के रिश्ते तो अटूट हैं

Posted: 10 Feb 2013 08:33 AM PST

तनवीर जाफ़री फ़तवा जारी करने में महारत रखने वाले तमाम नीम-हकीम मुल्लाओं द्वारा समय-समय पर इस्लाम धर्म के हवाले से ऐसे विवादित फतवे जारी किए जाते रहे हैं जिन्हें सुनकर आम लोग विचलित हो जाया करते हैं। ऐसे ही विवादित फ़तवों में एक है मोलवियों द्वारा समय-समय पर दिया जाने वाला गीत- संगीत विरोधी फतवा। [...]

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गिलानी की कथित नज़रबन्दी को एक फासीवादी नजीर बताया रिहाई मंच ने

Posted: 10 Feb 2013 06:48 AM PST

रिहाई मंच ने किया सवाल, दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल न्यायपालिका के प्रति जवाबदेह है या संघ परिवार के ?

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