Sunday, August 4, 2013

उप्र में पारदर्शी तरीके से होगी 8 सूचना आयुक्तों की नियुक्ति

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उप्र में पारदर्शी तरीके से होगी 8 सूचना आयुक्तों की नियुक्ति

Tags: उत्तर प्रदेश , सूचना आयोग , आरटीआई , उर्वशी शर्मा , सर्वोच्च न्यायलय


Published by: Sandeep Sharma
Published on: Sun, 04 Aug 2013 at 08:56 IST


उप्र में पारदर्शी तरीके से होगी 8 सूचना आयुक्तों की नियुक्ति
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के सूचना आयोग में एक वर्ष से भी अधिक समय से रिक्त
आठ सूचना आयुक्तों के पदों को भरने के लिए राज्य सरकार पारदर्शी
प्रक्रिया अपनाएगी। इसके लिए भारत सरकार की तर्ज पर अखबारों में विज्ञापन
दिया जा सकता है।

राज्य प्रशासनिक सुधार विभाग के अनु सचिव भवेश रंजन ने यह जानकारी आरटीआई
कार्यकर्ता उर्वशी शर्मा द्वारा को दी है। रंजन द्वारा दी गई सूचना के
अनुसार, प्रदेश सरकार सर्वोच्च न्यायलय द्वारा निर्धारित निश्चित मानकों
के अनुरूप पारदर्शी प्रक्रिया के तहत सूचना आयुक्तों की नियुक्त करने का
मन बना रही है।

सूचना आयोग में एक मुख्य सूचना आयुक्त और 10 सूचना आयुक्तों के पद सृजित
हैं। वर्तमान में एक मुख्य सूचना आयुक्त और दो सूचना आयुक्तों के पद ही
भरे हुए हैं। आठ सूचना आयुक्तों के पद रिक्त होने के कारण आयोग में
पैंतालीस हजार से भी अधिक वाद लंबित हो गए हैं और प्रदेशभर के वादियों को
काफी विलंब से सूचनाएं मिल पा रही हैं।

गौरतलब है कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने 15 अप्रैल 2013 के
एक फैसले में प्रदेश सरकार को सूचना आयुक्तों के रिक्त पदों को भरने का
निर्देश दिया था। आदेश आने के अगले ही दिन 16 अप्रैल 2013 को सर्वोच्च
न्यायालय ने एक पुनर्विचार याचिका की सुनवाई में अपने पूर्व निर्णय में
ढील देते हुए कुछ शर्तो के अधीन सूचना आयुक्तों के रिक्त पदों को भरने की
अनुमति दी थी।

उर्वशी को भवेश रंजन द्वारा दी गई सूचना के अनुसार, प्रशासनिक सुधार
विभाग ने आठ सूचना आयुक्तों के पदों को भरने के लिए गत 20 जून को एक
प्रस्ताव मुख्य सचिव को भेजा था। मुख्य सचिव ने इस प्रस्ताव का अनुमोदन
कर पत्रावली को अंतिम निर्णय के लिए 23 जून को मुख्यमंत्री को भेज दिया।
पत्रावली अभी मुख्यमंत्री के स्तर पर लंबित है।

अनुमोदित प्रस्ताव के मुताबिक, पदों को विज्ञापित कर निश्चित योग्यता
वाले व्यक्तियों से आवेदन प्राप्त कर मुख्यमंत्री के स्तर से गठित पैनल
द्वारा स्वच्छ एवं पारदर्शी प्रक्रिया अपनाकर नियुक्तियां की जाएंगी।
प्रस्ताव में विज्ञापन के माध्यम से नए प्रत्यावेदन प्राप्त करने के साथ
साथ पूर्व में प्राप्त प्रत्यावेदनों पर विचार करने का निर्णय उच्चाधिकार
समिति द्वारा लिए जाने का जिक्र है।

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