Wednesday, December 27, 2017

UP records 4 times decrease in Police-custodial-deaths in Yogi rule to Akhilesh - RTI



UP - अखिलेश के मुकाबले योगीराज में 4 गुना कम हुईं पुलिस हिरासत में मौतें - RTI




लखनऊ/27 दिसम्बर 2017............
समाचार लेखिका - उर्वशी शर्मा  ( स्वतंत्र पत्रकार )
Exclusive News by YAISHWARYAJ ©yaishwaryaj

आबादी के हिसाब से देश के सबसे बड़े सूबे में जब-जब समाजवादी पार्टी की सरकार बनी है तब-तब पुलिस की निरंकुशता की बात भी सामने आती रही है l अब तक सपा सरकार के कार्यकाल की तुलना पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के कार्यकाल से होती रही पर दशकों बाद पूर्ण बहुमत पाकर सत्ता में आई भारतीय जनता पार्टी के मुखर नेता और संत योगी आदित्यनाथ ने सत्ता सँभालने के बाद 6 महीनों में ही मानवाधिकार संरक्षण के क्षेत्र में कुछ ऐसा कर दिखाया है जिससे भारतीय जनता पार्टी की सरकार पूर्ववर्ती सपा सरकार से बेहतर काम करती नज़र आ रही है l दरअसल सूबे की राजधानी लखनऊ के फायरब्रांड आरटीआई कंसलटेंट और इंजीनियर संजय शर्मा द्वारा दायर की गई एक आरटीआई से एक ऐसा खुलासा हुआ है जिससे बीजेपी आलाकमान को योगी आदित्यनाथ को सूबे की कमान सौंपने के अपने निर्णय पर गर्व होना स्वाभाविक है l  इस आरटीआई से खुलासा हो गया है कि संत योगी आदित्यनाथ यूपी की बिगडैल पुलिस को सुधारने का माद्दा रखते हैं l

To view original RTI & replies, please click this exclusive web-link http://upcpri.blogspot.com/2017/12/up-4-rti.html

देश के नामचीन मानवाधिकार कार्यकर्ताओं में शुमार होने वाले संजय शर्मा ने बीते 14 सितम्बर को यूपी के मुख्य सचिव के कार्यालय में एक आरटीआई दायर करके बीते 6 वर्षों में यूपी में पुलिस हिरासत में हुई मौतों की संख्या की सूचना माँगी थी l मुख्य सचिव कार्यालय के जन सूचना अधिकारी ने बीते 21 सितम्बर को संजय की अर्जी को यूपी के गृह विभाग को अंतरित कर दिया था l अब राज्य अपराध अभिलेख ब्यूरो के जनसूचना अधिकारी ने बीते 14 दिसम्बर को पत्र जारी करके संजय को जो सूचना दी है उससे सामने आ रहा है कि योगी के सत्ता सँभालने के बाद यूपी में पुलिस हिरासत में हुई मौतों के मामलों में 75% की भारी-भरकम कमी दर्ज हुई है  l

समाजसेवी संजय शर्मा को दी गई सूचना के अनुसार यूपी में साल 2012 में 12, साल 2013 में 15, साल 2014 में 08, साल 2015 में 09, साल 2016 में 08 और साल 2017 में 14 सितम्बर तक 02 व्यक्ति पुलिस हिरासत में मृत्यु को प्राप्त हुए l इंजीनियर संजय का कहना है कि पूर्ववर्ती सीएम अखिलेश यादव ने साल 2012 की 15 मार्च को सत्ता संभाली थी और योगी आदित्यनाथ बीते 19 मार्च को यूपी के सीएम बने हैं l बकौल संजय इस प्रकार अखिलेश के 5 वर्ष के कार्यकाल में यूपी में पुलिस हिरासत में कुल 52 मौतें हुईं जबकि इस साल अब तक 9 महीनों में मात्र 2 मौतें ही हुईं हैं l इस प्रकार अखिलेश के समय के 5 सालों में पुलिस हिरासत में मौतों का 9 प्रति महीनों का औसत लगभग 8 था जो योगी के समय घटकर 2 ही रह गया है l संजय कहते हैं कि इस प्रकार अखिलेश राज के मुकाबले योगी राज में पुलिस हिरासत मौतों में चार गुने की भारी-भरकम कमी  आई है l

पुलिस हिरासत में मौत को मानवाधिकार हनन का सर्वाधिक वीभत्स रूप बताते हुए मानवाधिकार मामलों के विशेषज्ञ संजय शर्मा ने पुलिस को मानवीय बनाने की राह में सफलतापूर्वक आगे बढ़ने के लिए योगी आदित्यनाथ को सार्वजनिक रूप से धन्यवाद ज्ञापित करने और अपने अपंजीकृत संगठन ‘तहरीर’ की ओर से पत्र लिखकर यूपी में पुलिस की हिरासत में होने वाली मौतों की संख्या को शून्य करने का लक्ष्य हासिल करने की बात योगी आदित्यनाथ तक पहुंचाने की बात इस स्वतंत्र पत्रकार से की गई एक  एक्सक्लूसिव वार्ता में कही है l
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News written by freelance journalist Urvashi Sharma  
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