राजनैतिक, आर्थिक, संस्कृतिक मुद्दो और आम आदमी के सवालो पर सार्थक हस्तक्षेप Hastakshep.com | |
- “राजद्रोह, आतंक-विरोधी क़ानून और लोकतंत्र” पर व्याख्यान शनिवार को
- मुस्कुराते रहे जे पी
- मीडिया की नज़र में अमिताभ बड़े हैं जे.पी. से
- डाॅ रामविलास शर्मा एवं मंटो की जन्मशती पर उन्नाव में कार्यक्रम 13 को
- लोगों को ठीक से जानना ही असल यायावरी
- भेड़ियों को उन की मांदों में ही अब घेरेंगे हम
- The “Thug” politicians mislead Indians on FDI
- किसान के दर्द पर गडकरी की मौज
- नपुंसक राजनीतिक व्यवस्था में प्रतिरोध का अभाव,राजनीतिक संकट से निपटने में कांग्रेस को महारत
| “राजद्रोह, आतंक-विरोधी क़ानून और लोकतंत्र” पर व्याख्यान शनिवार को Posted: 11 Oct 2012 09:04 AM PDT नई दिल्ली: दूसरे प्रो. इक़बाल अंसारी मेमोरियल लेक्चर का आयोजन "राजद्रोह, आतंक-विरोधी क़ानून और लोकतंत्र" विषय पर शनिवार को इंडियन लॉ इंस्टिट्यूट में दोपहर 3:30 से किया जा रहा है। इसके मुख्य वक्ता वरिष्ठ वकील और पीपुल्स यूनियन ऑफ़ सिविल लिबर्टी के राष्ट्रीय महासचिव डॉ. वी सुरेश होंगे, जिन्होंने इस विषय पर एक सक्रिय क्रिमिनल [...] पूरा आलेख पढने के लिए देखें एवं अपनी प्रतिक्रिया भी दें http://hastakshep.com/ |
| Posted: 11 Oct 2012 08:51 AM PDT आज जे पी का जन्मदिन है चंचल डॉ लोहिया अस्पताल में थे. दिन में जे पी की पत्नी और रात में जे पी अस्पताल में रहते थे. जनेश्वर मिश्रा गेट पर रहते थे. डॉ लोहिया को देखने तत्कालीन प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी प्रति दिन जाती थीं. तमाम कोशिशों के बावजूद डॉ लोहिया को नहीं बचाया [...] पूरा आलेख पढने के लिए देखें एवं अपनी प्रतिक्रिया भी दें http://hastakshep.com/ |
| मीडिया की नज़र में अमिताभ बड़े हैं जे.पी. से Posted: 11 Oct 2012 08:33 AM PDT संजय कुमार मीडिया के लिए आज विचार और सिद्धांत कोई मायने नहीं रखते, बल्कि बाजार और सेलिब्रेटिज मायने रखते हैं। इसे चरितार्थ बिहार की मीडिया ने किया। 11 अक्टूबर लोकनायक जयप्रकाश नारायण की जयंती है और वहीं फिल्म अभिनेता अमिताभ बच्चन का जन्म दिन भी। बिहार से प्रकाशित 11 अक्टूबर के समाचार-पत्रों में देश की [...] पूरा आलेख पढने के लिए देखें एवं अपनी प्रतिक्रिया भी दें http://hastakshep.com/ |
| डाॅ रामविलास शर्मा एवं मंटो की जन्मशती पर उन्नाव में कार्यक्रम 13 को Posted: 11 Oct 2012 05:12 AM PDT |
| लोगों को ठीक से जानना ही असल यायावरी Posted: 11 Oct 2012 04:37 AM PDT इन्द्रप्रस्थ विश्वविद्यालय में असगर वज़ाहत नई दिल्ली . जगहें देखना पर्याप्त नहीं होता,लोगों से मिलना और उनको ठीक से जानना ही असल में यायावरी है। सुप्रसिद्ध कथाकार असगर वज़ाहत ने गुरु गोबिंदसिंह इन्द्रप्रस्थ विश्वविद्यालय के मानविकी संकाय द्वारा आयोजित एक संगोष्ठी में कहा कि मेरी यात्रा पुस्तकें एक सोशल टूरिस्ट की निगाह से लिखे गए [...] पूरा आलेख पढने के लिए देखें एवं अपनी प्रतिक्रिया भी दें http://hastakshep.com/ |
| भेड़ियों को उन की मांदों में ही अब घेरेंगे हम Posted: 11 Oct 2012 01:51 AM PDT [लखनऊ के पुस्तक मेले में 10 अक्टूबर का दिन विभांशु दिव्याल का दिन था। मौका उन के पांचवें उपन्यास गाथा लंपटतंत्र के लोकार्पण समारोह का था। समारोह की अध्यक्षता सुपरिचित कथाकार शिवमूर्ति ने की। आधार-वक्तव्य पढा़ दयानंद पांडेय ने । पेश है दयानंद पांडेय का लखनऊ के पुस्तक मेले में दिया गया वक्तव्य:] लोकतंत्र के पैसा तंत्र में [...] पूरा आलेख पढने के लिए देखें एवं अपनी प्रतिक्रिया भी दें http://hastakshep.com/ |
| The “Thug” politicians mislead Indians on FDI Posted: 11 Oct 2012 12:41 AM PDT K K Singh The government and its allies could not stop its greed and is going ahead to open up pension and insurance sector also to the foreign investors. They have resolved themselves in approving the limit of foreign ownership of local insurance companies to 49% from 26%.They also permitted overseas investors to own up [...] पूरा आलेख पढने के लिए देखें एवं अपनी प्रतिक्रिया भी दें http://hastakshep.com/ |
| Posted: 10 Oct 2012 09:46 PM PDT पुण्य प्रसून बाजपेयी मिर्ची-धान छोड़ो, गन्ना उगाओ..ज्यादा पाओ। यह नारा और किसी का नहीं भाजपा अध्यक्ष नीतिन गडकरी का है। विदर्भ में भंडारा के उमरेड ताल्लुका मेंपूर्ति साखर कारखाना [शुगर फैक्ट्री] लगाने के बाद भाजपा अध्यक्ष का किसानों को खेती से मुनाफा बनाने का यह नया मंत्र है। यानी जो किसान अभी खुले बाजार में [...] पूरा आलेख पढने के लिए देखें एवं अपनी प्रतिक्रिया भी दें http://hastakshep.com/ |
| नपुंसक राजनीतिक व्यवस्था में प्रतिरोध का अभाव,राजनीतिक संकट से निपटने में कांग्रेस को महारत Posted: 10 Oct 2012 09:08 PM PDT हमारी नपुंसक राजनीतिक व्यवस्था में प्रतिरोध का कोई यंत्र नहीं है और सीने पर चढ़कर हांक रहा है अमेरिका सुधारों को निर्देशित कर रहे हैं अमेरिकी वित्त सचिव तो रेटिंग एजंसियों का दबाव अलग है! विश्व बैंक का दबाव अलग है। अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष और विश्व व्यापार संगठन भी पीछे नहीं है। वैश्विक अमेरिकी वर्चस्व [...] पूरा आलेख पढने के लिए देखें एवं अपनी प्रतिक्रिया भी दें http://hastakshep.com/ |
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